मध्य प्रदेश शिक्षा

पांच सालों से मदरसों को नहीं मिली सहायता राशि

  • प्रोफेसर हलीम खान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने उठाई आवाज़

इंदौर। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का वेतन पिछले 5 साल से नहीं मिल सका है। ऐसे में प्रोफेसर हलीम खान ने सहायता राशि दिलाने के लिए आवाज उठाई है। शिक्षाविद एवं मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर हलीम खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह और पूर्व शिक्षा
मंत्री दीपक जोशी से भोपाल में एक प्रतिनिधिमंडल मिला। प्रतिनिधिमंडल में अभिभाषक अशर वारसी, शारिक खान, बिलाल खान, मध्यप्रदेश मदरसा एसोसिएशन के अध्यक्ष शोएब कुरैशी और विभिन्न जिलों से आए मदरसा प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह एवं पूर्व शिक्षामंत्री दीपक जोशी से चर्चा की। उन्हें अवगत कराया कि मध्यप्रदेश के मदरसों को पिछले 5 वर्षों से सरकार की योजना के तहत सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई है। जबकि यूपी के मदरसों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबित वेतन के भुगतान के आदेश दिए है। मदरसों के रजिस्ट्रेशन में एवं मान्यता में भी अनेकों कठिनाइयां मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड से आ रही हैं। इन समस्त समस्याओं पर वैधानिक कार्यवाही हेतु प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली बुलाया है। प्रोफेसर हलीम खान ने बताया कि उन्होंने पहले भी वर्ष 2022-25 के लिए इस्लामिया करीमिया सोसाइटी के लिए विजन पेपर में फार्मेसी कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, बीएड कॉलेज तथा लॉ कॉलेज प्रारंभ करने का संकल्प पेपर, प्रस्ताव रखा था, किन्ही अपरिहार्य कारणों से सोसाइटी में परिवर्तन के कारण वे इसे लागू नहीं करवा सके। लेकिन मुस्लिम समाज के छात्र छात्राओं के लिए शिक्षा के हित में, इन चारों कॉलेज के लिए अन्य सोसाइटी की सहायता से स्थान चयनित कर चिन्हित कर लिया गया है। समाज की सहायता से अगले 2 वर्षों में इसकी समस्त शासकीय कार्यवाही पूरी कर इसे चालू करने का प्रयास होगा। एक सवाल के जवाब में प्रोफेसर हलीम ने कहा कि यह अकेले मुस्लिम समाज के लिए ही नहीं अन्य समाजों के बच्चों के लिए भी खुला रहेगा। विशेषकर छात्राओं के लिए यह बेहद ज़रूरी है। जो नई एजुकेशन पॉलिसी 20-20 का भी एक हिस्सा है। केंद्रीय योजनाओं की सहायता से हॉस्टल कॉलेज भवन आदि तैयार किए जाएंगे। जिसके लिए समाजसेवियों ने पूर्व से ही भवन निर्माण के लिए सहायता राशि देने के लिए वचन पत्र भी दिया है। इसको पूरा करना उनका लक्ष्य है। जो सभी की सहायता से निश्चित ही पूरा करेंगे। क्योंकि पिछले 50 वर्षों से उनका मकसद शिक्षा हर दरवाजे तक पहुंचे, सहूलियत की फीस के साथ गरीब बच्चों तक और कमजोर तबके के बच्चों तक पहुंचाने का रहा है। पिछले 50 वर्षों से पूर्व संस्था में और मदरसा बोर्ड में
रह कर पूरे मध्यप्रदेश में शिक्षा फैलाना ही उनका लक्ष्य रहा है, जिसे पूरा शहर जानता है। प्रोफेसर हलीम खान ने कहा बच्चों की शिक्षा के लिए आखिरी दम तक कोशिश करते रहेंगे।

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