गोरखपुर। हुसैनाबाद व जमुनहिया बाग में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का आयोजन हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हुई। हम्दो नात पेश की गई। मुख्य वक्ता मौलाना अनवर अहमद तनवीरी ने कहा कि नबी-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने समाजिक परिवर्तन का एक ऐसा इंकलाब लाया जिससे समाज को जीवन व्यतीत करने का सलीका मिल गया। दुनिया ने बड़े-बड़े इंकलाब देखे हैं जिससे बादशाहत बदलती है लेकिन नबी-ए-पाक ने जो इंकलाब लाया उससे सिर्फ बादशाहत व सल्तनत ही नहीं बदली बल्कि समाज का मिजाज बदला। सभ्यता एवं संस्कृति के साथ जीवन जीने का मकसद बदला। यही कारण है कि आज भी नबी-ए-पाक के उपदेशों को सार्थक मानते हुए पूरा विश्व उन्हें अपना पेशवा, सरदार, रहनुमा व आदर्श मानता है। नबी-ए-पाक के उपदेशों को पढ़ें, जानें, समझें और उसका अनुसरण करने की कोशिश करें। इससे आपकी दीन एवं दुनिया दोनों संवर जाएगी।
दरूदो सलाम पढ़कर जलसे का समापन हुआ। दुआ मांगी गई। जलसे में शहजाद अहमद, मौलाना हारून मिस्बाही, मौलाना अमीरुद्दीन, अनवार अहमद, मो. अज़ीम, मो. अज़ीज़, एजाज, कारी अफ़ज़ल बरकाती आदि मौजूद रहे।