गोरखपुर

पैग़ंबर-ए-आज़म ने दिया सामाजिक समानता का संदेश : मुफ़्ती-ए-शहर

गोरखपुर। मोहल्ला गाजी रौजा मरहूम काजी नईमुर्रहमान के आहाता में पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का आयोजन हुआ।

मुख्य वक्ता मुफ़्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी (मुफ़्ती-ए-शहर) ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने आख़िरी हज के खुतबे में फ़रमाया है कि तुम्हारा अल्लाह एक है। अल्लाह की किताब क़ुरआन और उसके पैग़ंबर की सुन्नत को मज़बूती से पकड़े रहना। लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़्याल रखना। न तुम लोगों पर ज़ुल्म करो, न क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायेगा। कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब भी न फटकना। किसी अरबी को किसी अज़मी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अज़मी को किसी अरबी पर। न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर। प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ ईमान, तक़वा व परहेज़गारी से है यानी रंग, जाति, नस्ल आदि किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र। औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है। औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूं कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। कार्यक्रम में हाफ़िज़ नज़रे आलम क़ादरी, काजी इनामुर्रहमान, मौलाना फैजुल्लाह क़ादरी, सैयद मेराजुल हक़, उजैर अहमद, सैयद काशिफ मुमताज, ताबिश, शिराज सिद्दीक़ी, शहबाज सिद्दीक़ी, काशिफ, मो. आजम अादि मौजूद रहे।

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