जमशेदपुर।
अकरम खान ने सुझाव दिया कि इस कानून का नाम झारखंड कॉम्बैटिंग ऑफ मॉब लिचिंग ऐक्ट रखा जाए और अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर पुलिस अधिकारियों और जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए. साथ ही दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान भी किया जाए. मॉब लिंचिंग के जिम्मेदार लोगों को सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का भी प्रावधान हो।
इसके साथ ही हिंसा के शिकार व्यक्ति के परिवार और गंभीर रूप से घायलों को भी पर्याप्त मुआवजा मिले. इसके अलावा संपत्ति को नुकसान के लिए भी मुआवजा मिले।
ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पीड़ित व्यक्ति और उसके परिवार के पुर्नवास और संपूर्ण सुरक्षा का भी इंतजाम किया जाए।
मंत्री हाफिजुल हसन ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा की जल्द ही इस पर सरकार की ओर से पहल की जाएगी.
ज्ञापन देने में तनवीर अहमद, डागर हुसैन, शाहनवाज आलम आदि उपस्थित थे.