गोरखपुर शिक्षा

अक्सा मस्जिद के इमाम मौलाना तफज़्ज़ुल ने 10 मिनट में जलाई तालीम, इबादत व बेदारी की रोशनी

गोरखपुर। अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद हुमायूंपुर उत्तरी में इस समय न केवल इबादत हो रही है बल्कि तालीम की शमां भी रोशन की जा रही है। छोटे से लेकर बड़ों तक को इल्म, अमल व इबादत की तालीम दी जा रही है। वहीं नेक बनने की सीख भी मिल रही है। सप्ताह के हर दिन सभी को कुछ न कुछ सीखने को मिल रहा है। सुबह की नमाज़ (फज्र) के लिए लोगों को जगाने की मुहीम भी चलाई जा रही है।

मस्जिद के 25 वर्षीय इमाम मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन रज़वी ने मस्जिद को इबादत के साथ तालीम का मरकज़ भी बना दिया है। जो समय की बहुत अहम जरूरत है। मौलाना तफज़्ज़ुल के रज़ा फाउंडेशन की ओर से बच्चों, नौजवानों व बुज़ुर्गों के लिए रात की नमाज़ (एशा) के बाद सोमवार, मगंलवार को दर्से फिक्ह, बुधवार, गुरुवार को दर्से तफ़्सीर, शनिवार को सवाल-जवाब व रविवार को दर्से हदीस की तालीम दी जा रही है। यह तालीम सिर्फ दस मिनट दी जा रही है। जिसमें 40 से 50 लोग शिरकत कर रहे हैं। वहीं नौज़वान व बुज़ुर्गों के लिए निशुल्क प्रैक्टिकल के साथ अकाइद कोर्स, तहारत कोर्स, नाजरा-ए-क़ुरआन कोर्स, नमाज़ कोर्स व दीनियात कोर्स भी चलाया जा रहा है। यह सभी कोर्स रोजाना तीस मिनट चल रहे हैं। अभी एक बैच फज्र के बाद व एक बैच एशा के बाद चल रहा है। एक बैच में दस लोग रह रहे हैं। बच्चों की तालीम के लिए मकतब इस्लामियात कायम है जहां अंग्रेजी व हिन्दी मीडियम के बच्चे दीनी तालीम हासिल कर रहे हैं।

वहीं मौलाना तफज़्ज़ुल ने फज्र की नमाज़ के लिए लोगों को जगाने की मुहीम भी शुरु की है। जहां पहले फज्र की नमाज़ में चंद लोग रहते थे अब दो से तीन सफ (लाइन) लगने लगी है। करीब 40 से 50 लोग बाज़मात फज्र की नमाज़ अदा कर रहे हैं। मौलाना तफज़्ज़ुल लोगों को फोन करके व लोगों के घर जाकर फज्र की नमाज़ के लिए जगाते हैं। यही नहीं मौलाना तफज़्ज़ुल मगरिब की नमाज़ के बाद लोगों को नमाज़ की दावत देने के लिए हर रोज गश्त भी करते हैं।

संतकबीरनगर के रहने वाले मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन ने आलिम, फाजिल व किरात की पढ़ाई संतकबीरनगर, मुंबई व केरला से की है। फरवरी 2020 से अक्सा मस्जिद के इमाम हैं। उन्होंने मुस्लिम समाज में दीनी तालीम व इबादत के प्रति बेदारी पैदा करने की मुहीम जुलाई माह से शुरु की। जिसका अच्छा नतीजा सामने आ रहा है। जल्द शहर की कई अन्य मस्जिदों में यह मुहीम शुरु होगी।

मौलाना तफज़्ज़ुल ने बताया कि इबादत में लज़्ज़त तभी मिलेगा जब हमारे पास दीनी तालीम होगी। दीनी तालीम हमारी हर जगह रहनुमाई करता है और मुस्लिम समाज में सबसे बड़ी कमी दीनी तालीम की है। दीनी व दुनियावी तालीम में हम बहुत पीछे हैं। लिहाजा पहले दीनी तालीम के प्रति लोगों को बेदार किया जा रहा है। तालीम हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती। लिहाजा सभी को झिझक छोड़ कर तालीम हासिल कर अल्लाह का नेक बंदा बनना चाहिए। हमारी मुहीम में लोगों को दीनी तालीम के साथ-साथ खाने, पीने, उठने, बैठने, सोने, बेहतर, अख़लाक साफ-सफाई, हलाल रिज़्क कमाने, अच्छा शहरी बनने व गुनाहों से बचने की भी तालीम दी जाती है। अगर यह मुहीम शहर की तमाम मस्जिदों में शुरु हो जाए तो बेहतरीन नतीजा सामने आ सकता है।

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