गोरखपुर। बुधवार को उलेमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्प लाइन नम्बरों पर दिनभर कॉल आती रही। लोगों ने नमाज़, रोजा, जकात, फित्रा व अन्य जदीद मजहबी सवाल पूछे। उलेमा-ए-किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।
सवाल: क्या कोरोना टेस्ट करवाने से रोजा टूट जाएगा? (नवेद आलम, खोखर टोला)
जवाब: नहीं। कोरोना टेस्ट करवाने से रोजा नहीं टूटेगा, हां इसमें एहतियात लाज़िम है कि रूई के जर्रात हलक में न जाएं। (मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी)
सवाल: लेंस लगा कर वुजू और गुस्ल करना कैसा? (राजिक, तिवारीपुर)
जवाब: लेंस लगा कर वुजू और गुस्ल करना दुरुस्त है, वजू और गुस्ल हो जाएगा। (मुफ्ती खुश मोहम्मद मिस्बाही)
सवाल: क्या खून निकलवाने से वुजू टूट जाता है? (निशात, सूफीहाता)
जवाब: हां। खून निकलवाने से वुजू टूट जाता है। (मौलाना मो. असलम रज़वी)
सवाल: नमाज़े तरावीह में क़ुरआन-ए-पाक देखकर पढ़ने से नमाज़ हो जायेगी? (मोहसिन खान, मौलवी चक)
जवाब: नहीं। नमाज़े तरावीह में क़ुरआन-ए-पाक देखकर पढ़ने से नमाज़ नहीं होगी। (मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी)