घोषीपुरवा में ‘शान-ए-पंजतन व इस्लाहे मुआ़शरा’ कांफ्रेंस
गोरखपुर। गुरुवार को शान-ए-पंजतन पाक कमेटी की ओर से मदरसा मज़हरुल उलूम घोषीपुरवा शाहपुर में तीसरी सालाना ‘शान-ए-पंजतन पाक व इस्लाहे मुआ़शरा’ कांफ्रेंस हुई। संचलान फुरक़ान वारसी ने किया। कुरआन-ए-पाक की तिलावत से आगाज़ हुआ। नात-ए-पाक पेश की गई।
सुन्नी दावते इस्लामी मुंबई के अमीर मौलाना शाकिर अ़ली नूरी ने कहा कि सारी मखलूक़ अल्लाह की रज़ा चाहती है और अल्लाह पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की रज़ा चाहता है और आप पर दुरुदो सलाम भेजता है। अल्लाह ने अपने नाम के साथ आपका नाम रखा, कलमा, अज़ान, नमाज़, क़ुरआन में, बल्कि हर जगह अल्लाह के नाम के साथ पैगंबर-ए-आज़म का नाम है। आपकी मोहब्बत के बग़ैर कोई मुसलमान नहीं हो सकता, क्योंकि आपकी मोहब्बत ईमान की शर्त है। पैगंबर-ए-आज़म ने जहां सबके साथ सही इंसाफ करना, यतीमों, गरीबों, मजलूमों, बेसहारों की मदद, पड़ोसियों के साथ नेक बर्ताव करना सिखाया। वहीं चोरी, फरेब, बेइमानी, झूठ, लालच, नफ़रत जैसी बुराइयों से दूर रहने की हिदायत दी।
महाराष्ट्रा से आए मशहूर धर्मगुरु अल्लामा सैयद अमीनुल क़ादरी ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम पूरी जिंदगी दुनिया में अमन चैन व ईमानी हिदायत के लिए काम करते रहे। उन्होंने हर पीड़ित व मज़लूम की न सिर्फ सहायता की, बल्कि उसके लिए त्याग भी किया। अल्लाह ने इंसान को अपनी इबादत और बंदगी के लिए पैदा फरमाया है। हमारी रहनुमाई के लिए अल्लाह ने पैगंबर-ए-आज़म को भेजा और उन पर क़ुरआन-ए-पाक नाज़िल फरमाया। बेहतर दीनी व दुनियावी जिंदगी के लिए क़ुरआन-ए-पाक और हदीस-ए-पाक की तालीमात पर अमल करना होगा। इस पर अमल करने वाले ईमान वाले हैं।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो सलामती की दुआ मांगी गई। शीरीनी तकसीम हुई। कांफ्रेंस में ख़ालिद रज़वी, शकील रहबर, कारी रईसुल कादरी, मौलाना अब्दुर्रब मिस्बाही, मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी, कारी मो. अफ़जल बरकाती, कारी तनवीर आदि मौजूद रहे।