गोरखपुर। मंगलवार को भाकपा माले से जुड़े प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। पुलिस कार्रवाई पर नाराज़गी का इज़हार करते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि गुलरिहा थाना के कर्महा बुजुर्ग गांव में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने के बीच पुलिस की एक तरफा कार्यवाही से आमजन में भय का माहौल है। समुदाय विशेष ने धार्मिक स्थल के पास जानबूझकर डीजे बजाया था, जिससे तनाव बढ़ गया। जिसके बाद एकतरफा एफआईआर दर्ज की गई है और इस एफआईआर में सच्चाई नहीं है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और सच्चाई का पता लगाने के लिए वीडियो फुटेज और गवाहों का बयान दर्ज किया जाना चाहिए और कर्महा बुजुर्ग में शांति बहाली की जानी चाहिए।
वहीं मशहूर गैस्ट्रो डॉक्टर पर हमले के मामले में भी एक तरफा कार्रवाई की गई है। इस मामले में मरीज के पति को ही जेल भेज दिया गया लेकिन मरीज के पति को पीटने वाले हमलावरों के ख़िलाफ़ एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। गिरफ्तार बर्खास्त सिपाही की तरफ से भी एफआईआर दर्ज की जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने जिला पंचायत सदस्य और भाकपा-माले के राज्य स्थाई समिति के सदस्य कामरेड अर्जुन लाल के जिला बदर किए जाने का विरोध किया और जिला बदर किए जाने के फैसले को वापस लेने की मांग की।
कर्महा बुजुर्ग का यह है मामला
थाना गुलरिहा के कर्महा बुजुर्ग गांव में 5 अक्टूबर शनिवार की रात करीब 10 बजे धार्मिक प्रतिमा लेकर कुछ लोग एक धार्मिक स्थल के बगल से गुजर रहे थे। धार्मिक स्थल के पास डीजे को बजाने पर आपत्ति जताने के बाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिसके बाद हंगामा हुआ। प्रतिमा के साथ चल रहे लोग दूसरे समुदाय के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करने लगे। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया और साथ जाकर प्रतिमा को स्थापित कराया। पुलिस ने 6 अक्टूबर को कर्महा बुजुर्ग के शकील, तबरेज, गुड्डा, अख़्तर, रमज़ान, सोनू, गोलू, समीर पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 191(2), 109, 115 (2), 351 (3), 352, 354 (4) के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही शुरू की। जिस वजह से कर्महा बुजुर्ग में भय का माहौल है।