गोरखपुर। वसीम रिज़वी के खिलाफ सोमवार को तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत ने नार्मल स्थित दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद से जिलाधिकारी कार्यालय तक तहफ़्फ़ुजे नामूस-ए-क़ुरआन जुलूस निकाला। सभी के हाथ में तख्ती थी। जिस पर स्लोगन लिखा था ‘क़ुरआन-ए-मुकद्दस की तौहीन बर्दाश्त नहीं की जाएगी’ ‘नबी-ए-पाक की शान में गुस्ताख़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी’ ‘खुलफ़ा-ए-राशिदीन व सहाबा-ए-किराम की तौहीन बंद करो’ ‘वसीम रिज़वी को गिरफ्तार करो’ ‘अजमते क़ुरआन, नबी और सहाबा पर हमारी जानें कुर्बान’। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। वसीम रिज़वी की याचिका खारिज कर गिरफ्तारी का आदेश जारी करने की मांग की गई। जुलूस में बड़ी संख्या में मस्जिदों के इमाम, मोअज़्ज़िन व मदरसा अध्यापक शामिल हुए। वसीम रिज़वी मुर्दाबाद, वसीम रिज़वी को फांसी दो के नारे भी लगाए गए। उलेमा ने दरगाह पर मीटिंग कर आगे की रणनीति बनाई।
मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर) ने कहा कि कुरआन की 26 आयतों और तीनों खलीफाओं की शान में तौहीन करने वाले वसीम रिज़वी की याचिका खारिज कर गिरफ्तारी का आदेश जारी किया जाए।
दरगाह इमाम कारी अफज़ल बरकाती ने कहा कि कुरआन मुसलमानों का पवित्र धर्म ग्रंथ है। यह अल्लाह की किताब है। इसमें संशोधन करना तो दूर इस बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है।
मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी (नायब काजी) ने कहा कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने एक बार फिर देश व मुस्लिम समाज में नफ़रत फैलाने का काम किया है। वसीम रिज़वी के गैर जिम्मेदाराना कृत्य से करोड़ों मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं। मुसलमानों की आस्था को ठेस पहुंची है। मुसलमानों में आक्रोश है। इससे पहले भी कई बार वसीम रिज़वी मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचा चुके हैं।
मुफ्ती खुर्शीद अहमद (काजी-ए-शहर) ने कहा कि अब बर्दाश्त की हद पार हो चुकी है। हमारी मांग है कि वसीम रिज़वी की याचिका को खारिज कर गिरफ्तारी का आदेश जारी किया जाए। सख्त से सख्त सजा दी जाए। जिससे देश में सौहार्द का माहौल बना रहे।
प्रदर्शन में मुफ्ती खुश मोहम्मद, कारी जलालुद्दीन, मौलाना जहांगीर अहमद, मौलाना नूरुज्जमा मिस्बाही, कारी नज़रे आलम कादरी, मौलाना जमील अख्तर, हाफिज नजरुल हसन, हाफिज मुजफ्फर हुसैन, कारी तनवीर, मौलाना जाहिद, कारी हकीकुल्लाह, मौलाना अनवर, कारी आबिद, हाफिज जाकिर, हाफिज महमूद रज़ा, नेमतुल्लाह चिश्ती, मौलाना इश्तियाक, मौलाना मुबारक, कारी निज़ामुद्दीन, हाफिज बदरे आलम, हाफिज रहमत अली, हाफिज आमिर हुसैन, कारी मो. अनीस आदि शामिल रहे।