तुर्कमानपुर में महिलाओं की ईद मिलादुन्नबी महफ़िल
गोरखपुर। रविवार को मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में महिलाओं की 11वीं महाना ईद मिलादुन्नबी महफ़िल हुई। अध्यक्षता ज्या वारसी ने की। संचालन अदीबा ने किया।
मुख्य वक्ता मुफ्तिया गाजिया ख़ानम ख़ानम अमजदी ने कहा कि क़ुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी चाहिए तो पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कल्चर अपनाओ। पैग़ंबरे इस्लाम का बताया हुआ रास्ता अपनाओ। जब अरब जगत में सामाजिक बुराइयों, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और नवजात बच्चियों की हत्या का दौर था। अरब की सरजमीं पर मौजूद इन बुराइयों के खिलाफ पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने आवाज़ उठाई तो उनकी राह में तरह-तरह की मुश्किलें पैदा की गईं, लेकिन अल्लाह के पैगंबर आगे बढ़ते चले गए। तमाम बुराईयों को खत्म कर दिया, इसीलिए आज पूरी दुनिया मोहसिने इंसानियत पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को सलाम करती नज़र आ रही है। एक अल्लाह की इबादत और इंसानियत का संदेश देने वाले पैगंबरे इस्लाम समाज में महिलाओं को सम्मान एवं अधिकार दिए जाने की हमेशा पैरोकार रहे।विधवा से शादी करके महिलाओं का सम्मान बढ़ाया। महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दिया। पत्थर खाकर, जुल्म सहकर भी दुआएं दीं और अहिंसा का पैग़ाम दिया।
कनीज़ फातिमा ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया है कि जो मुसलमान इस दुनिया में बच्चियों को खुश होकर सही तालीम देंगे और उनकी परवरिश करेंगे उन्हें मैं जन्नत में लेकर जाऊंगा। पैग़ंबरे इस्लाम ने 1400 साल पहले ही पूरी दुनिया को शिक्षा हासिल करने, बेटी बचाओ व स्वच्छता का संदेश दिया था। पैग़ंबरे इस्लाम की फरमाबरदारी और पैरवी करो। जो अल्लाह और उसके पैग़ंबर की फरमाबरदारी करेगा उसे सिर्फ कामयाबी ही नहीं ब्लकि अज़ीम कामयाबी मिलेगी।
कुरआन-ए-पाक की तिलावत कनीज़ फातिमा ने की। हम्द, नात व मनकबत अनाया फातिमा, तस्मी, आयशा, फलक, सना, सानिया, नूर फातिमा, नूर अक्शा, नूर अज्का, सना, गुल अफ्शा, शिफा, सानिया, सादिया ने पेश की। हदीस-ए-पाक शिफा नूर व दीनी सवाल जवाब अलफिया व अलफिया परवीन ने पेश किया। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में खुशहाली, तरक्की व अमन की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। महफ़िल में शाज़िया खातून, आलिया, आयशा, मरियम, अलविया, खुशी नूर, सना खान, जैनब, फिजा, मुस्कान, तमन्ना, तैबा नूर, साईबा फातिमा, नूरजहां शरीफी, जिक्रा शेख़, आस्मां आदि मौजूद रहीं।