गोरखपुर

पैग़ंबरे इस्लाम के मूए मुबारक की जियारत करवाई गई

  • पैग़ंबरे इस्लाम के आंखों की ठंडक है नमाज़: कारी मोईनुद्दीन

गोरखपुर। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि के मूए मुबारक (पवित्र बाल) की जियारत सलातो सलाम के बीच रविवार को दीवान बाजार स्थित ख्वाजा नासिर अली के मकान पर बाद नमाज जोहर करवाई गई। हम्द व नात हाफिज आरिफ रजा मो. अरजान अत्तारी ने पेश की।

जियारत से पहले मिलाद हुई। जिसमें कारी मो. मोईनुद्दीन निजामी ने मूए मुबारक की फजीलत हदीस की रौशनी में बयान की। कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम ने दुनिया को इंसानियत और समता का संदेश दिया है। पैग़ंबरे इस्लाम की ज़िंदगी और कुरआन दीन व दुनिया का इंसाइक्लोपीडिया है। साइंसी दुनिया पैग़ंबरे इस्लाम के कौल व कुरआन की रौशनी में रिसर्च करके इतनी आगे जा रही है, तो मुसलमानों पर लाज़िम है कि पैग़ंबरे इस्लाम की ज़िंदगी के बारे में जाने और कुरआन व शरीअत पर मुकम्मल अमल करके आगे बढ़े। मुसलमान बुराईयों को छोड़ कर अल्लाह व पैग़ंबरे इस्लाम के बताए रास्ते पर अमल करें। मां की गोद बच्चे की पहली दर्सगाह होती है इसलिए शादी दीनदारी देखकर की जाए। शिक्षा के बगैर कोई भी कौम तरक्की नहीं कर सकती है। मुसलमानों को चाहिए कि वह बच्चों को शिक्षा जरूर दिलवाएं। दुनियावी शिक्षा के साथ दीनी शिक्षा हासिल करने पर ज्यादा जोर दिया जाए।

उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि नमाज़ पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के आंखों की ठंडक है। नमाज़ इंसान को हर बुराई से दूर रखती है। नमाज़ तय समय पर खुद भी अदा करें और घर वालों से भी नमाज़ पढ़ने के लिए कहें।

मो. फैजुल हक मारुफी ने अकीदतमंदों को मूए मुबारक की जियारत करवाई। मुल्क में अमन, मोहब्बत व भाईचारे की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। इस दौरान अलीशान, आफाक, अरशद, शानू, नजमुल हक मारुफी, अज़ीम मारुफी, मो. मुशर्रफ, असफी, अशरफ, अतहर, मो. शादाब, चुन्ने खान आदि मौजूद रहे।

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