गोरखपुर। मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत राज्य सरकार ने जिले के करीब 150 मदरसों के करीब 450 शिक्षकों का बकाया दो माह का राज्यांश जारी किया है। इसके तहत जिले के मदरसों में तैनात स्नातक शिक्षकों को 3476 रुपये की दर से व परास्नातक, बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को 5214 रुपये की दर से राज्यांश मिलेगा। राज्यांश लाट सं. 1891, 1446, 2108, 849, 456, 273, 672 व 1506 वाले मदरसों को ही मिलेगा।
बताते चलें कि कई माह बाद यह राज्यांश जारी हुआ है। अभी भी कई माह का राज्यांश बाकी है।करीब 57 माह हो चुके हैं लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अभी तक केन्द्रांश जारी नहीं किया है। जिसके लिए शिक्षक लखनऊ से लेकर दिल्ली तक जद्दोजहद कर रहे हैं। शिक्षक भुखमरी के कागार पर हैं। कई जिलों में तो शिक्षकों की आकस्मिक मौतें भी हो चुकी हैं। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए राज्यांश ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत शिक्षकों को मानदेय के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। चाहे वह केन्द्रांश हो या राज्यांश। वह भी तब जबकि अधिकांश मदरसों की ओर से मदरसा पोर्टल पर पूर्ण ऑनलाइन विवरण दर्ज कराया जा चुका है।
काबिलगौर कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना की शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 2008-09 में मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। यह योजना कांग्रेस सरकार ने शुरु की थी। यह वही शिक्षक हैं जिन पर मदरसों में आधुनिक शिक्षा देने का दारोमदार है। इस योजना के तहत मदरसा शिक्षकों को मानदेय का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार की तरफ से मिलता है। स्नातक शिक्षक को 6,000 रुपये व परास्नातक शिक्षक को 12,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाने का प्राविधान है। इसी योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा स्नातक शिक्षकों को 2,000 रुपये और परास्नातक/बीएड शिक्षकों को 3,000 रुपये प्रतिमाह राज्यांश दिया जाता है। इसकी शुरुआत पूर्व सपा सरकार ने की थी। इस योजना के तहत प्रत्येक मदरसे में तीन शिक्षक रखे जा सकते हैं।