- उर्स में आने वाले ज़ायरीन को न हो किसी भी तरह की परेशानी: मौलाना मो० कैफ रजा खां कादरी।
- उर्स ए रज़वी में बरेली शहर की मेज़बानी है पूरे समाज के लिए मिसाल: मौलाना मो० कैफ रजा खां क़ादरी।
- ज़ायरीन की सहायता के लिए तैनात किये गये हैं रज़ा कार और वालंटियर।
- दरगाह आला हज़रत और ज़ायरीन पर पुष्प वर्षा करने हेेतु मुख्यमन्त्री को लिखा गया पत्र।
बरेली।
तीन दिवसीय उर्स ए रज़वी की तैयारी ज़ोरों पर है बड़ी संख्या में देश-विदेश के ज़ायरीन इस मौके पर शहर में आते हैं ज़ायरीन के ठहरने और खाने की बेहतर व्यवस्था के लिए दरगाह उस्तादे ज़मन ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नबीरा ए आलाहज़रत मौलाना मो0 कैफ रज़ा क़ादरी ने सिटी रेलवे स्टेशन तथा दरगाह उस्तादे ज़मन के निकट होटल में ज़ायरीन की मुफ्त ठहरने और खाने आदि की माकूल व्यवस्था की है साथ ही ज़ायरीन की सहायता के लिए रज़ा कार और वालंटियर को भी तैनात किया गया है।
मौलाना कैफ रज़ा क़ादरी ने अपने निवास पर रज़ाकारों व वालंटियर्स को संबोधित करते हुए कहा कि उर्स में सभी लोग उर्स के तीनों दिन दी गयी जिम्मेदारियों को निभाएँ ज़ायरीन को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। कई स्थानों पर ज़ायरीन को ठहरने तथा मुफ्त लंगर की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने आगे कहा कि दरगाह आलाहज़रत के साथ ही बड़ी संख्या में ज़ायरीन सिटी स्टेशन के निकट स्थित आलाहज़रत के दादा अल्लामा रज़ा अली खाँ अलैहिर्रहमा, वालिद अल्लामा नक़ी अली खाँ अलैहिर्रहमा तथा भाई उस्तोद ज़मन अल्लामा हसन रज़ा खाँ अलैहिर्रहमा के मज़ारे पाक पर भी हाज़िरी देते हैं और इस तरह यहाँ पर भी ज़ायरीन की काफी भीड़ रहती है जिन रज़ा कारों की ड्यूटी यहाँ लगी है वह अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाएं। दरगाह उस्तादे ज़मन के निकट ही ट्रस्ट की ओर से ज़ायरीन के ठहरने और खाने का होटल में माकूल इन्तेज़ाम किया गया है जिन रज़ाकारों की ड्यूटी होटल में ज़ायरीन को ठहराने व लंगर पर लगाई गयी है वह नियत समय तथा नियत स्थान पर जिम्मेदारी से तैनात रहें।
मौलाना ने कहा कि बरेली शहर की पहचान मेज़बानी के तौर पर की जाती है और यहाँ नागरिक चाहें वह किसी भी धर्म अथवा जाति से ताल्लुक ररखते हों ज़ायरीन की खि़दमत के लिए हर समय तैयार रहते हैं।
मौलाना कैफ रज़ा क़ादरी ने तीन दिवसीय उर्स के मौके पर आखिरी दिन 12 सितम्बर 2023 को दरगाह आलाहज़रत और ज़ायरीन पर हुकूमत की तरफ से पुष्प वर्षा करने हुए पत्र लिखा है।
मीडिया सेल
दरगाह उस्तादे ज़मन ट्रस्ट