मुंबई: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक स्कूल टीचर की शर्मनाक करतूत ने पूरी दुनिया में भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है। उस रोते हुए बच्चे पर धर्मांध टीचर को दया नहीं आई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस संबंध में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा मुंबई ने रजा एकेडमी के सहयोग से अपने कार्यालय में एक बैठक बुलाई और घटना की कड़ी निंदा करते हुए शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
विरोध सभा की अध्यक्षता करते हुए रजा एकेडमी के संस्थापक व प्रमुख तथा ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा के उपाध्यक्ष अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने कहा कि दुर्भाग्य से हिंदुत्व का राक्षस अब धर्म के नाम पर शिक्षण संस्थानों में भी घुस गया है। जो देश के लिए बहुत हानिकारक है।
सईद नूरी ने पुरजोर मांग करते हुए कहा कि यह त्रासदी देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुई है, जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कार्रवाई करते हुए एक मिसाल पेश करनी चाहिए। ताकि स्कूलों और कॉलेजों में ऐसे घृणित खेल बंद हो।
नूरी साहब ने आगे कहा कि शिक्षण संस्थान देश के विकास और प्रगति के सूत्रधार तैयार करते हैं। यहां धर्म के नाम पर बच्चों को गाली देना या किसी समुदाय के बच्चों को विदेशों से जोड़कर निशाना बनाना सिर्फ दो क़ौमों के बीच नफरत पैदा करने का कुत्सित प्रयास है। इस नफरत से शिक्षण संस्थानों को स्वच्छ रखना होगा, अन्यथा शिक्षण संस्थानों की प्रतिष्ठा खत्म हो जाएगी, इसलिए मुजफ्फर नगर जैसी त्रासदी दोबारा किसी अन्य पाठशाला में न हो। वहीं देश के विकास के लिए नफरत का खत्म होना जरूरी है, तभी प्यार की दुकान खुल और चल सकेगी।
बैठक में मौलाना खलीलुर्रहमान नूरी ने कहा कि नफरत की आग ने बहुत तेजी से सरकारी संस्थानों को अपनी चपेट में ले लिया है। हर जगह आरएसएस के लोग बैठे हैं, जिनका लक्ष्य नफरत की राजनीति की धुरी है। इसका एक ही समाधान है। वह मुस्लिम संगठन और पार्टियां स्कूल-कॉलेजों के निर्माण के लिए भी आगे आए।
मौलाना अमानुल्लाह रजा ने घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने के अपराध में दोषी शिक्षक को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में इसके नाम पर किसी बच्चे को प्रताड़ित न किया जाए।
मौलाना मुहम्मद अब्बास रिज़वी और मौलाना मुहम्मद उमर निज़ामी और मौलाना ज़फ़रुद्दीन रिज़वी मौलाना मेराज अहमद खान ने संयुक्त रूप से कहा कि ऐसे स्कूल शिक्षा देने के स्तर के नहीं है। ऐसे स्कूलों को हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए। स्कूल के मालिक के दिलो-दिमाग में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का लावा उबल रहा है। उन्होने स्कूल को भी आरएसएस की शाखा बना दिया है, उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।
मुज़फ्फरनगर स्कूल हादसा से जुड़े वीडियोज