इंदौर ग्रुप से जुड़ा हुआ हूं।
यहां सभी लोग आपस में एक दूसरे की मदद और राय मशविरा साझा करते है।
मुझे पेड़~पौधे (वृक्षारोपण) लगाने का बेहद जुनून है।
जहां मैं रहता हूं अहमद नगर खजराना में हमने
घर के सामने गुलमोहर , सुरजना , नींबू , विलायती इमली से लेकर बादाम के ढ़ेरों दरख़्त लगाकर हरियाली फैला रखी है। ये सभी पौधे अब 10 बरस के हो गए है। पूरी गली में हरियाली है।
इसके अलावा हमारा खजराना , कनाडिया और मानपुर में पुश्तैनी खेत हैं जहां मैं नियमित वृक्षारोपण करता रहता हूं।
बारिश का मौसम है खजराना बायपास पर हमारा 7 एकड़ का फार्म हाउस हैं। यहां मुझे बांस , आम , बेल के पेड़ लगाना है। इसके लिए मुझे सस्ते और सुंदर पौधों की तलाश थी। क्योंकि खेत काफी बड़ा है इसलिए सैकड़ों पौधों की दरकार हैं।
लिहाजा मैंने इंदौरवाले ग्रुप में जानकारी साझा कि
सभी ने मेरा मार्गदर्शन किया। एक ने सुझाया कि आप
जनक दीदी से मिलो।
ग्रुप में मैने जनक दीदी का कांटेक्ट नंबर पूछा।
फौरन वहां जनक दीदी उपस्थित हो गई और उन्होंने मेरा कांटेक्ट नंबर लेकर हाथों~हाथ मुझे फोन भी लगा दिया।
जनक दीदी ने कहा आप सनावदिया गांव आ जाईए और चाहे जितने पौधे ले जाइए।
मैं इतवार की सुबह उनके सनावदिया फार्म हाउस पहुंचा।
जनक दीदी हकीकत में सूफ़ी स्वभाव वाली नेक खातून है। आपका फार्म हाउस एक ऊंची टेकरी पर खूबसूरत वादियों के रौनक अफ़रोज़ है जहां आपने पवन चक्की भी लगा रखी है। इससे पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल आप खुद के लिए नहीं करती बल्कि खुद के खर्चे से कनेक्शन के जरिए नजदीक की बस्ती में मुफ्त में बांट देती है। इसे कहते है सच्ची और नेक दरियादिली। गुरु नानक देवजी की वंशज है। चेहरे से सूफियाना तेज झलकता है। जनक दीदी से मिलकर मैं बहुत मुतास्सिर (प्रभावित) हुआ। जनक दीदी जैसे लोग अब दुनिया में ना के बराबर है।
दीदी बड़े प्यार से मिली। बेतकल्लुफ होकर बातें की और खेत में लगाने के लिए मुझे करीब 300 से ज्यादा पौधे गिफ्ट कर दिए। मैने खुशी~खुशी सभी पौधे गाड़ी में रखवाएं । मैने शुक्रिया अदा किया दुआएं दी और अब इन मोहब्बत भरे तोहफ़ों को मेरे खेत पर लगाने की तैयारी में जुट गया हूं।
मैने दीदी से कहा कि पौधे की जो भी कीमत हो आप ले लीजिए उन्होंने कहा__
मैं पौधे तोहफे में देती हूं बेचती नहीं…
दीदी की निस्वार्थ भावना देखकर मैने भी वादा किया कि जिसे भी मुफ्त में लगाने के लिए पौधे चाहिए मुझे 9340949476 पर कांटेक्ट करे। मेरे पास जो भी पौधे मौजूद हैं हरियाली की खातिर मैं मुफ्त दे दूंगा।
✍️ जावेद शाह खजराना (लेखक)