लेखक:मो सैफुल मलिक
इस्लाम में औरत के सामने मर्द को अपनी निगाह नीचे रखने का हुक्म दिया है वूमेन राइट्स(Women’s Right) की इससे बढ़कर और क्या मिसाल हो सकती है? इससे बढ़कर सुथरा और साफ़ क़ानून औरत के लिए और क्या हो सकता है?
औरत जब मां बनने के मकाम को पहुंचती तो अल्लाहﷻ उसके कद्मों के तले जन्नत को रख देता है कोई लाये तो ऐसी मिसाल औरत की इज़्ज़त और मर्तबे की?
मेरा दीन तो मुझे हालते जंग में भी अपने दुश्मन की औरतों की इज़्ज़त करने और उनकी हिफाज़त करने का हुक्म देता है किस क़द्र इस्लाम ने औरत को तहफ्फुज़ फराहम किया है गौर फरमायें!
मगर अफसोस आज औरत को उस इस्लाम से आज़ादी चाहिए जिस इस्लाम ने उसे जान बख़्शी , जिस इस्लाम ने उसे ज़िन्दगी बख़्शी,आज औरत को उस इस्लाम पर अमल करते हुए दिक्कत है जिस इस्लाम ने उसे इज़्ज़तों की मसनद पर बिठाया है
आज मेरे मुआशरे की मेरी मांयें,मेरी बहने ये कहती नज़र आती हैं कि मेरा जिस्म, मेरी मर्ज़ी ,मै अपनी उन मां बहनों से कहना चाहूंगा बस आंख बन्द होने की देर है सब पता लग जायेगा फिर किसकी मर्ज़ी चलेगी?
कितने ही बातिल निज़ाम आ जायें , कितने ही फैशन (Fashions) और स्टाईल (Styles) बदल बदल कर आ जायें लेकिन सब में रुसवाई ही रुसवाई है ज़िल्लत ही ज़िल्लत है सिर्फ निज़ामे मुस्तफ़ा ही एक ऐसा रास्ता है जिसमें हर दौर और ज़मानें के मर्द और औरतों के लिए भलाई है इस्लाम एक मुकम्मल निज़ामें ज़िन्दगी है एक “Perfect System” है, दीन ही वो ज़ाब्ता है “Islam is a Complete Way Of Lifestyle” जो इंसान को दीन और दुनिया में क़ामयाब बनाता है वक्त रहते अपने दीन की कद्र कर लीजिए।
बेटियां क्या होती हैं ये दुनिया को मेरे हुज़ूरﷺ ने बताया, बेटियां घर की रहमत होती हैं ये दुनिया के पत्थर दिल लोगों को मेरे हुज़ूरﷺ ने बताया, मां बाप क्या चीज़ होते हैं ये दुनिया को मेरे हुज़ूरﷺ ने बताया
अपने दीन को दुनिया के ऊपर तरजीह देने में बिल्कुल भी शर्म महसूस मत कीजिए