गोरखपुर। उंचवा के रहने वाले अब्दुल मतीन फैजी व निशात फातिमा के पुत्र मोहम्मद हस्सान ने करीब दो साल में क़ुरआन-ए-पाक मुकम्मल पढ़ लिया। हस्सान कक्षा चार में पढ़ते हैं। कुरआन-ए-पाक के सभी तीस पारों (अध्याय) को उच्चारण सहित पूरा कराने में उनके उस्ताद व चचा हाफिज अयाज अहमद का सहयोग रहा। इस खुशी के मौके पर शनिवार को उंचवा स्थित आइडियल मैरेज हॉल में मीलाद की महफिल सजी। कुरआन-ए-पाक की तिलावत से आगाज हुआ। नात-ए-पाक पढ़ी गई। हस्सान को फूल मालाओं के साथ दस्तार बांधी गई। बुजुर्गों व परिजनों ने तोहफों व दुआओं से नवाजा। हस्सान के दादा मरहूम हाजी मो. अब्दुल कुद्दुस की रुह को इसाले सवाब भी किया गया।
महफिल में मौलाना सैयद गुलाम गौस ने कहा कि क़ुरआन का पैग़ाम पूरी इंसानियत के लिए है। क़ुरआन को पढ़ें, समझें और उस पर अमल करें। जो क़ुरआन पढ़ता है अल्लाह उसे हिदायत दे देता है। क़ुरआन मोमिनों के लिए शिफा है। बच्चों को क़ुरआन जरूर पढ़ाएं ताकि आपका बच्चा हलाल और हराम, सही और गलत में फर्क कर सके।
महफिल में मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी, मो. शादाब अहमद, नासिफ अहमद, हाजी उबैद अहमद, मो. शुएब, मो. शाद, कारी सरफुद्दीन, मौलाना रियाजुद्दीन, हाफिज रेयाज अहमद आदि शामिल हुए।