दिल्ली: यूरोपीय देश स्वीडन की दिनों-दिन इस्लाम विरोधी गतिविधियां बढ़ती जा रही है, वह कुरान का अपमान कर दुनियाभर के अरबों मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को लगातार आहत कर रहा है। पहले 3 जनवरी, 2023 को पवित्र कुरान की बेअदबी की, फिर 28 जून को ईद-उल-अजहा पर स्टॉकहोम जामा मस्जिद के सामने पवित्र कुरान की एक प्रति जलाई। अब फिर से स्लोन मोमिका शैतान ने गुरुवार को कुरान को जलाने का ऐलान किया, लेकिन मुस्लिमों के आक्रोश को देखते हुए उसने कुरान को जलाने की बजाय कठोर तरीके से अपमानित किया, जो लिखा नहीं जा सकता। इस तरह के जघन्य कृत्य से दुनिया भर के मुसलमान गुस्से में हैं और वे स्वीडिश सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं। पवित्र कुरान की बेअदबी की खबर मिलते ही बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कई दिनों से दिल्ली में रह रहे रजा एकेडमी के संस्थापक और प्रमुख कायद-ए-मिल्लत अलहाज मुहम्मद सईद नूरी ने उलेमाओं, खासकर बुद्धिजीवियों की एक बैठक बुलाई, जिसमें बड़ी संख्या में उलेमा और प्रमुख धार्मिक हस्तियां मौजूद थीं।
बैठक को संबोधित करते हुए हजरत सईद नूरी साहब ने कहा कि कब तक मुसलमानों की भावनाओं के साथ धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ होता रहेगा, कब तक पवित्र कुरान का अपमान होता रहेगा, दुनिया स्वीडिश सरकार से स्लोअन मोमिका को फांसी देने की मांग क्यों नहीं करती। मुसलमानों के स्थायी संगठन ओआईसी की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई।
हजरत नूरी साहब ने कड़ा गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि मुस्लिम हुक्मरानों की चुप्पी पर अफसोस करना दुखद है कि वे खुद को मुस्लिम लोगों का नेता कहते हैं, लेकिन मुसलमानों की पवित्र किताब की प्रतियां सरेआम जलाई जाती हैं, उसे अपवित्र किया जाता है। हमारी मांग है कि स्वीडन के लोगों को कड़ी सजा दी जाए और स्वीडन निर्मित उत्पादों का पूरी तरह से बहिष्कार कर देना चाहिए। तभी वे होश में आएंगे।
राजस्थान के ग्रैंड मुफ्ती हाजी मोइनुद्दीन अशरफी ने स्वीडन की खुलकर निंदा करते हुए कहा कि मुसलमान शांतिप्रिय है और कानून का पालन करता है और अपना विरोध दर्ज कराता है कि स्वीडिश सरकार अपने इस्लाम विरोधी कार्यों को बंद कर दे, अन्यथा जल्द ही अल्लाह का क्रोध उस पर आएगा क्योंकि पवित्र कुरान अल्लाह की किताब है जिसे उसने मानव जाति के मार्गदर्शन के लिए अपने प्रिय पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर भेजा है। क्योंकि एक मुसलमान क़ुरआन से बहुत जुड़ा हुआ है, इसलिए हम उसका थोड़ा सा भी अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते।
उन्होंने आगे कहा कि पवित्र कुरान के प्रति शत्रुता रखने वाला सलवान कोई इंसान नहीं बल्कि शैतान है जो बार-बार अपनी शरारतों से मुसलमानों को भड़का रहा है। इस हत्यारे को तुरंत फांसी देने की जरूरत है, नहीं तो वैश्विक स्तर पर युद्ध छिड़ सकता है।
बैठक में मौलाना गुलाम हसन, हाफ़िज़ मशकूर अहमद,मौलाना काज़िम अली मिस्बाही मौलाना जाकिर हुसैन, मौलाना कलीम अहमद सिकंदर पाशा साहिब, मुहम्मद नईम साहिब, इमाम-उद-दीन साहिब, हाफ़िज़ एहतेशाम साहब, हाफिज जुनैद रजा रशीदी मुंबई, मसीह-उद-दीन साहिब, अब्दुल मुत्तलिब साहिब शोएब आलम मदनी, मुहम्मद यामीन आदि मौजूद रहे।