गोरखपुर। ईद-उल-फित्र की नमाज के लिए ईदगाहों व मस्जिदों में तैयारियां तेज है। रंग-रोगन हो रहा है। ईदगाह मुसलमानों के दो सबसे बड़े त्योहार ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अज़हा की खुशी मनाने के लिए है। यहीं पर दो रकात नमाज अदा कर बंदे अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं और खुशियां मनाते हैं।
मौलाना महमूद रजा कादरी ने बताया कि ईदगाह का अर्थ होता है खुशी की जगह या खुशी का समय। यह ऐसी जगह है जहां पर बंदे दो रकात नमाज पढ़कर अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं। जब बंदा 29 दिन या 30 दिन का रोजा पूरा कर लेता है तो अल्लाह तआला उसे खुशी मनाने का हुक्म देता है। इस्लाम धर्म के मानने वाले शुक्रवार को 29वां रोजा पूरा करके ईद का चांद देखेंगे। अगर चांद नज़र आ गया तो शनिवार 22 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा। अगर चांद नहीं दिखा तो शनिवार को 30वां रोजा मुकम्मल कर रविवार 23 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा।
हाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि ईदगाह में ईद की नमाज अदा करना पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व सहाबा किराम की सुन्नत है। इसलिए कोशिश रहे ईद की नमाज ईदगाह में ही अदा करें। ईदगाह दो ईदों के लिए ही बनाई गई है। ईद-उल-फित्र की नमाज के लिए जाते हुए रास्ते में अाहिस्ता से तकबीरे तशरीक ‘अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, ला इलाहा इल्लल्लाह। वल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, व लिल्लाहिल हम्द’ पढ़ी जाएगी। नमाज ईदगाह में जाकर पढ़ना और रास्ता बदल कर आना, पैदल जाना और रास्ते में तकबीरे तशरीक पढ़ना सुन्नत है। पैगंबरे इस्लाम ईद-उल-फित्र के दिन कुछ खाकर नमाज के लिए तशरीफ ले जाते। ईद को एक रास्ते से तशरीफ ले जाते और दूसरे से वापस होते।
नायब काजी मुफ़्ती मो. अजहर शम्सी ने बताया कि पांच महीनों का चांद देखना वाजिबे किफाया है शाबान, रमज़ान, शव्वाल, ज़ीक़ादा, जि़लहिज्जा। पैगंबर-ए-इस्लाम ने फरमाया कि महीना 29 का भी होता है और 30 का भी। रोजा चांद देख कर शुरु करो और चांद देख कर रोजा बंद कर दो। अगर आसमान साफ नहीं है तो 30 की गिनती पूरी करो।
दरगाह से होगा ईद-उल-फित्र के चांद का ऐलान
नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद की ओर से ईद-उल-फित्र के चांद का ऐलान किया जाएगा। यह जानकारी मुफ़्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने दी है। उन्होंने बताया कि तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत की ओर से ईद-उल-फित्र के चांद की तस्दीक के लिए उलमा किराम की चांद कमेटी गठित है। शुक्रवार 21 अप्रैल को मगरिब के समय कमेटी के सदस्य दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद पर मौजूद रहेंगे। चांद देखने का मुकम्मल इंतजाम रहेगा। अवाम से गुजारिश की गई है कि जो लोग चांद देखें वह दरगाह पर संपर्क करें।
ईद-उल-फित्र की नमाज़ का समय (सुबह)
- चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर, बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर, मस्जिद मियां साहब सैनिक विहार नंदानगर – 6:45 बजे
- मस्जिद जोहरा मौलवी चक बड़गो, मोती जामा मस्जिद अमरुतानीबाग रसूलपुर, खपड़े वाली मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन, दारोगा मस्जिद अफगानहाता – 7:00 बजे
- अहले बैत जामा मस्जिद पुराना गोरखपुर गोरखनाथ, नूर जामा मस्जिद चिलमापुर, नूरानी जामा मस्जिद कामरेड नगर, मस्जिद मुसम्मात नसीबन बीबी (कादरिया मस्जिद) निकट नखास चौक कोतवाली रोड, बेलाल जामा मस्जिद रसूलपुर भट्टा दरिया चक – 7:15 बजे
- जामा मस्जिद रसूलपुर, ईदगाह इमामबाड़ा इस्टेट मियां बाज़ार, गाजी मस्जिद गाजी रौजा, गाजिया मस्जिद बहरामपुर, मक्का मस्जिद मेवातीपुर, झरना टोला मस्जिद – 7:30 बजे
- मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक, शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह, गौसिया जामा मस्जिद इस्लामिया नगर लीची वाला बाग – 7:45 बजे
- ईदगाह हज़रत मुबारक ख़ां शहीद नार्मल, गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर, मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर, सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह, मस्जिद जामेनूर ज़फ़र कॉलोनी बहरामपुर, सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, फिरदौस जामा मस्जिद जमुनहियाबाग, तामीरुल मसाजिद सूरजकुंड कॉलोनी अम्बेडकर नगर, हुसैनी जामा मस्जिद बड़गो, मस्जिद-ए-कुबा मोहम्मद नगर पादरी बाजार, मस्जिदे कादरिया गुलशन असुरन पोखरा भेड़ियागढ़ बशारतपुर – 8:00 बजे
- मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर – 8:15 बजे
- ईदगाह फतेहपुर मेडिकल कॉलेज, औलिया जामा मस्जिद घोसीपुरवा, ईदगाह बेनीगंज, ईदगाह सेहरा बाले का मैदान बहरामपुर, जामा मस्जिद उर्दू बाज़ार – 8:30 बजे
- अल मदीना सुन्नी जामा मस्जिद लतीफनगर कॉलोनी पादरी बाजार – 9:00 बजे
- सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार – 9:15 बजे
- शाही मस्जिद बसंतपुर सराय – 10:00 बजे
- सुन्नी जामा मस्जिद सौदागार मोहल्ला बसंतपुर – 10:30 बजे