गोरखपुर मसाइल-ए-दीनीया

औरतों पर ईद की नमाज वाजिब नहीं: उलमा किराम

गोरखपुर। तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमजान हेल्पलाइन नंबरों पर बुधवार को नमाज, जकात, सदका-ए-फित्र व ईद की नमाज आदि के बारे में सवाल आते रहे। उलमा किराम ने शरीअत की रोशनी में जवाब दिया।

  1. सवाल : औरतों पर ईद की नमाज पढ़ने का क्या हुक्म है? (सफिया वारसी, सूरजकुण्ड कॉलोनी)
    जवाब : ईद की नमाज मर्दों पर वाजिब है। औरतों पर ईद की नमाज वाजिब नहीं। (कारी मो. अनस रज़वी)
  2. सवाल : जनाबत (नापाकी) की हालत में अल्लाह तआला का जिक्र करना और मसनून दुआ पढ़ना कैसा है? (अब्दुल, अलीनगर)
    जवाब : जनाबत की हालत में कुरआन पाक की तिलावत के अलावा दीगर अजकार और दुआएं पढ़ सकते हैं। अलबत्ता कुरआन पाक को हाथ नहीं लगा सकते। (मुफ्ती मो. अजहर शम्सी)
  3. सवाल : अगर शर्ट पर घोड़े और इंसान का मोनो बना हो और तस्वीर भी वाजे हो तो क्या ऐसे कपड़े में नमाज पढ़ना दुरुस्त है? (मुस्लिम, बिछिया)
    जवाब : सूरते मसला में अगर जानदार की तस्वीर बड़ी है और उसकी आंखें भी वाजेह हैं और देखने से साफ जाहिर हो रहा है कि यह घोड़ा है लिहाजा उस शर्ट को पहनकर नमाज पढ़ना मकरूहे तहरीमी है अलबत्ता अगर तस्वीर मिटा दी जाये या छिपा ली जाए या उसका चेहरा मुकम्मल काट दिया जाये या उस पर स्याही मल दी जाए तो इन तमाम सूरतों में नमाज बगैर कराहियत के दुरूस्त हो जाएगी। (मुफ्ती मेराज अहमद)
  4. सवाल : फोम, कालीन, कम्बल वगैरा पर सज्दा करना कैसा है? (दानिश, मियां बाज़ार)
    जवाब : नर्म फर्श मसलन कालीन, कम्बल, फोम वगैरा पर सज्दा करना उस वक्त जायज है जबकि उस पर नाक और पेशानी खूब अच्छी तरह से जम जाये यानी इतना दब जाये कि अब दबाने से न दबे वरना सज्दा जायज नहीं और जब सज्दा नहीं होगा तो नमाज भी नहीं होगी क्योंकि सज्दा फरायज ए नमाज से है। (मुफ्ती अख्तर हुसैन)

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