बरेली

महिलाओं,मज़दूरों समेत पशु पक्षियों को हुक़ूक़ भी हमारे नबी ने दिलाए: मुफ़्ती अहसन मियां

  • प्यार,मोहब्बत,अमन व शान्ति और मानवतावाद का प्रतीक व अलमबरदार है ईद मिलादुन्नबी: मुफ़्ती सलीम नूरी।

बरेली शरीफ
सुन्नी,सूफी,खानकाही,बरेलवी विचारधारा के सब से बडे केन्द्र मरकज़े अहल-ए-सुन्नत खानकाहे रज़विया दरगाह आला हज़रत बरेली शरीफ की ज़माने से ही यह परम्परा रही है कि यहाॅ पैगम्बरे ईस्लाम के यौमे पैदाइश जश्ने ईद मिलादुन्नबी के रुप में मनाया जाता है और पूरे विश्व के मुसलमानों से आह्वान किया जाता है और ईद मिलाद को सब एक पर्व के रुप में खूब धुमधाम के साथ मनाऐं और विश्व भर में इसे शान्तिवाद व मानवतावाद के प्रतीक का अनुठा उदाहरण बनाएं।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर दरगाह आला हज़रत प्रमुख हज़रत सुब्हानी रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन हज़रत मुफ्ती अहसन मियां की सदारत व सय्यद आसिफ मिया की मौजूदगी में महफिल का आगाज़ सुबह 9 बजे हुआ। क़ुरआन ख़्वानी के बाद हाजी गुलाम सुब्हानी व आसिम नूरी ने मिलादे पाक का नज़राना पेश किया।
इस मौके पर सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां ने कहा कि हमारे नबी को अल्लाह ने दुनिया मे रहमत बनाकर भेजा। आपने इंसानों के साथ साथ चरन्द (पशु) व परन्द (पक्षी) के हक़ में आवाज़ बुलंद की। महिलायों व मज़दूरों को उनका हक़ दिलाया। नशाखोरी व सूद को हराम करार दिया। पेड़ पौधे लगाने को सवाब (नेक काम) बताया। मंज़र-ए-इस्लाम के उलेमा व मुफ़्तियाने किराम और तलबा ने नात पेश की। पैगम्बरे इस्लाम की जीवनी व सीरते पाक पर रौशनी डाली। मुफ्ती मोइनुद्दीन ने नबी के आला अख़लाक़ और प्रधानाचार्य मुफ्ती आक़िल रज़वी ने आक़ा के यौमे मिलाद की अहमियत पर रौशनी डाली। मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने अपनी तक़रीर में कहा कि आज विश्व के अधिकतर देशों में अशान्ति फैली हुई है,विशेष कर इस्लामिक देशों में उसकी वजह यह है कि यह इस्लामिक देशों ने अपने नबी के बताए हुए रास्ते और सिद्धान्तों से हट कर हुकूमत करने लगे। अशान्ति फैलाने और कट्टरता व नफरत को बढावा देने वाले संगठनों को प्रोत्साहित और आगे बढाने लगे यदि इन्हें अपने अपने समाज और देश में शान्ति स्थापित करना है तो नबी के बताए शान्तिवाद व मानवतावाद को बढावा देना होगा और यह काम केवल इस्लाम की सुन्नी,सूफी,खानक़ाही,बरेलवी विचार धारा ही द्वारा किया जा सकता है। देश में फैलती जा रही हिन्दु मुस्लिम नफ़रत व दूरी पर कहा कि यह नफ़रत व दूरी न देश हित में है और न समाज हित में। सांप्रदायिक तनाव कम करने का प्रयास करें और यह जश्ने ईद मिलादुन्नबी हम सब को शिक्षा,सीख और प्रेरणा देता है कि हम सब मुसलमान अपने नबी के बताए हुए अखलाक को अपनी ज़िन्दगीगी का हिस्सा बनाएं। मानवतावाद और शान्तिवाद को बढावा दें और देश में नफ़रत फैलाने और समाज को तोड़ने वाले चरमपंथी संगठनों का वहिष्कार करें। मुफ्ती अय्यूब खान,मुफ्ती अख्तर, मुफ्ती अफरोज़ आलम और डाक्टर एजाज अंजुम ने बताया कि जश्न ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर जो भी खर्च किया जाता है वह सब बरकत देता है। इस अवसर पर खूब खुशियां मनाना चाहिए। आखिर में मुफ्ती जमील खान ने शजरा पढा। फातिहा और सलातो सलाम के बाद सज्जादानशीन हज़रत मुफ़्ती अहसन मियॉ ने सभी की फलाहो बहबुद और मुल्क व समाज में अमन-चैन और शान्ति के लिए दुआ की।दरगाह प्रमुख की ओर से बडी संख्या में ईदे मिलाद की खुशी में सभी लोगों को लंगर तक़सीम किया गया।
इस मौके पर मौलान अबरारुल हक,सय्यद जुल्फी, जुबैर,मोईन,मुजाहिद बेग,साजिद नूरी,मंज़ूर रज़ा नईम नूरी ने व्यवस्था संभाली। इस मौके पर अजमल नूरी,शाहिद नूरी,औरंगज़ेब नूरी,परवेज़ नूरी,ताहिर अल्वी,हाजी जावेद खान,शान रज़ा आदि मौजूद रहे।

नासिर कुरैशी
मीडिया प्रभारी
9897556434

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *