गोरखपुर

गोरखपुर: मूसलाधार बारिश से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

  • दर्जनों मुहल्लों के लोग घरों में कैद होने की हुए मजबूर
  • महेवा मंडी व साहबगंज मंडी में घुसा पानी करोड़ों का सामान हुआ बर्बाद
  • गोद्धोईया नाला पूर्ण रूप से नहीं हुआ साफ पानी निकलने में हुई दिक्कत घरों में घुसा पानी

गोरखपुर। बुधवार की सुबह से शुरू हुई बारिश से मुख्यमंत्री के शहर का बुरा हाल है। नालियां और सड़कें ओवरफ्लो हो गई हैं।जिला अस्पताल में वार्ड से लेकर इमरजेंसी तक में पानी भर गया है। नालियों में पॉलीथिन और कचरा होने से पानी का बहाव थमा हुआ है। नगर निगम की तरफ से 100 से अधिक पंपिंग सेट लगाकर पानी निकासी के दावे की हवा निकल रही है।
बुधवार को पूरी रात झमाझम बारिश में दर्जनों मोहल्ले डूबे हुए हैं। नालों में पॉलीथिन और कचरे से पानी का बहाव बुरी तरह प्रभावित है। महापौर से लेकर नगर आयुक्त की गली में घुटने तक पानी लगा हुआ है। मेडिकल कॉलेज और देवरिया रोड के मोहल्लों में दुश्वारियां बढ़ गई हैं। शहर के सभी स्कूलों में रेनी डे हो गया है। लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। शहर के प्रमुख बाजार में शुमार साहबगंज,महेवा और भालोटिया मार्केट की दुकानों में पानी घुस गया है।
नगर निगम द्वारा 100 से अधिक पंपिंग सेट चलाने का दावा हवाई साबित हो रहा है। सबसे बुरी हालत जिला अस्पताल की है। जहां वार्ड, इमरजेंसी,आपरेशन थियेटर से लेकर पूरे परिसर में पानी भरा हुआ है।आवास विकास प्राइवेट कॉलोनी का पानी निकासी की समुचित व्यवस्था ना होने से मोहल्ले वासी घरों में कैद होने को है मजबूर शहर के बड़े हिस्से का पानी रामगढ़झील में गिरता है। नालियों में पॉलीथिन जमा होने से बिलंदपुर,दाउदपुर, रुस्तमपुर आदि मोहल्लों में घुटने तक पानी लगा हुआ है।
वही चैम्बर आफँ कामसॅ के अध्यक्ष संजय सिंघानिया ने सीधे-सीधे नगर निगम पर आरोप लगाते हुए शासन से मांग किया है कि मंडी में नुकसान हुए सामानों की भरपाई नगर निगम प्रशासन द्वारा कराया जाए अगर नगर निगम प्रशासन सतर्क रहता तो पूर्वांचल की सबसे बड़ी गल्ला मण्डी,महेवा में आज बरसात के पानी के कारण बहुत बुरा हालनही होता जिससे व्यापारियों का करोडों का माल खराब हो गया जिसकी जिम्मेदारी सम्बन्धित अधिकारियों के साथ, साथ नगर निगम की है अनेकों बार जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली व्यापार बन्धु की बैठक में मेरे द्वारा अघ्यक्ष व्यापार बन्धु को अवगत कराया गया अभी भी उपरोक्त प्रकरण कार्य वृति में मौजूद है अनेकों बार जिला अधिकारी ने बैठको पर नगर निगम को आदेश दिया जिसे नगर निगम अनसुना रखा जो बहुत ही सोचनीय बिन्दु है नगरनिगम के कारण व्यापारियों का माल बर्बाद हुआ है। सम्बन्धित अघिकारी अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वाह न कर बैठक का कोरम पूरा कर व्यापारियों को बर्बाद करने पर लगे है, शासन एवं प्रशासन के मन्शा के अनुरूप सम्बन्धित अधिकारी कार्य नहीं कर रहे हैं जिससे शासन एवं प्रशासन की प्रतिष्ठा धराशायी हो रही है। मण्डी के सम्बन्धित अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन के साथ मुख्यमंत्री को एक पत्र भेज कर मांग की गयी है कि बरसात के पानी के कारण व्यापारियों के हुए नुकसान की भरपाई करायी जाये और पुर्व में व्यापार बन्धु की बैठक में दी गई जानकारी पर जिलाधिकारी के निर्देशों के बावजूद की गयी लापरवाही मे शामिल अधिकारीयों पर कठोर से कठोर कारवाही की जाएं जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं कीं पुनरावृत्ति न हो सके।

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *