धार्मिक

रजबुल मुरज्जब का चाँद और नफ्ल नमाज़ें

रसूले मकबूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फ़रमाते हैं कि माहे रजब की बेशुमार फजीलत है और इस माहे मुबारक की इबादत बहुत अफ़ज़ल है। हुजूरे अकदस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का इर्शादे गिरामी है कि जब माहे रजब का चाँद देखो तो पहले एक मर्तबा यह दुआ पढ़ो। अल्लाहुम्म बारिक लना फी रज – ब व शअबा […]