धार्मिक

रोज़ा का बयान (क़िस्त 4)

हदीस शरीफ़:इमाम अहमद और बहक़ी रिवायत करते हैं किहुज़ूर ने फ़रमाया:रोज़ा सिपर (ढाल) है और दोज़ख़ से हिफ़ाज़त का मज़बूत क़िला, इसी के क़रीब क़रीब जाबिर व उस्मान बिन अबिल आस व मआज़ बिन जबल रज़िअल्लाहू तआला अन्हुम से मरवी हदीस शरीफ़:अबुल यअला व बहक़ी सलमा बिन क़ैस और अहमद व बज़्ज़ार अबू हुरैरह रज़िअल्लाहू […]

धार्मिक

रोज़ा का बयान (क़िस्त 3)

हदीस शरीफ़:सहीहीन व सुनने तिर्मिज़ी व निसाई व सहीह इब्ने ख़ुज़ैमा में सहल बिन सअद रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से मरवी है किरसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम फ़रमाते हैं:जन्नत में आठ (8) दरवाज़े हैं उनमें एक दरवाज़ा का नाम रय्यान है इस दरवाज़ा से वोही जाएंगे जो रोज़े रखते हैं। हदीस शरीफ़:बुखारी व मुस्लिम में अबू […]

धार्मिक

रोज़ा का बयान(क़िस्त 2)

हदीस शरीफ़:इब्ने माजा, हज़रत अनस रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रावी कहते हैं रमज़ान आया, तो हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया “ये महीना आया इसमें एक रात हज़ार महीनों से बेहतर है जो इससे महरूम रहा वो हर चीज़ से महरूम रहा और उसकी ख़ैर से वही महरूम होगा जो पूरा महरूम है। हदीस शरीफ़:बैहक़ी इब्ने अब्बास […]

धार्मिक

रोज़ा का बयान (क़िस्त 1)

अल्लाह अज़्जा व जल्ल फ़रमाता है: तर्जमा—– ऐ ईमान वालो तुम पर रोज़ा फ़र्ज़ किया गया जैसा उन पर फ़र्ज़ हुआ था जो तुमसे पहले हुए ताके तुम गुनाहों से बचो चंद दिनों का फिर तुम मैं जो कोई बीमार हो या सफर में हो वो और दिनों में गिनती पूरी कर ले, और जो […]