लेखक: मह़मूद रज़ा क़ादरी हुलीय ए मुबारक आप रजियल्लाहु अन्हो बदन ए मुबारक कमजोर और दुबला पतला, कद लंबा, रंग सफेद,मायल गन्दुमी, कंधे फुराख, (चौड़ा) आंखें सीयाह, (काली)नज़र अक्सर सजदा गाह पर रहती,चेहरे मुबारक गोल,और पुर हैबत दाढ़ी घनी,सर के बाल उलझे हुए अक्सर गर्द व गुबार से लिपटे हुए और लिबास में आमतौर पर […]