यौमे बदर (बदर का दिन) 17 रमज़ानुलमुबारक अहले हक़ के लिए उम्मीदों और हौसलों का अज़ीम निशां सितम हो लाख मगर खौ़फ़ ओ यास थोड़ी हैभरोसा रब पे है दुनिया से आस थोड़ी है हम अहले हक़ को है “ला तक़नतू” का परवानाकहीं शिकश्ता दिली आस पास थोड़ी है डरेंगे वो जो फ़क़त नाम के […]