लेख : ज़ैनुल आबिदीन नदवी अनुवादक : मो साबिर हुसैन नदवी पूर्णिया बिहार औरंगाबाद से भुसावल तक पैदल यात्रा करने वाले वह मज़दूर यह आस लगाए चले थे कि वहाँ से एक ट्रेन मध्य प्रदेश जाएगी, जो उन्हें अपनी मातृभूमि ले जाएगी और वे सभी अपनी मातृभूमि की खुशबू को सूँघ सकेंगे। उम्मीदौं से भरा […]