लेख: ज़ैनुलआबेदीन नदवी अनुवाद: मो० साबिर हुसैन नदवी लाक डॉउन का इकिसवां और आख़री दिन था, हिन्दुस्तान के अनेक एलाकौं में ख़ास तौर पर अरूसुल बिलाद कहे जाने वाले शहर मुंबई में घिरे हुए लोग अपने वतन वापस जाने के अरमान लिए हुए थे, मज़दूर पेशा, मजबूर तबक़ा जिस के पास न तो खाने को […]