पटना: बुधवार को रज़ा एकेडमी का एक प्रतिनिधिमंडल शाने रिसालत की हिफाजत के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारियो के तहत राजधानी पटना पहुंचा। जहां केंद्रीय शरिया संस्थान में बिहार सरकार में वर्तमान एमएलसी और पूर्व सांसद मौलाना गुलाम रसूल बिलवी से मुलाक़ात की।
इस दौरान मौलाना गुलाम रसूल बिलवी ने कहा कि पैगंबर ए इस्लाम की शान में गुस्ताखी एक मुसलमान के लिए अकल्पनीय और असहनीय है। साथ ही यह बहुत दर्दनाक भी है। उन्होने देश के वर्तमान हालात पर चिंता जाहीर करते हुए कहा कि देश की वर्तमान राजनीति गोरों की राजनीति से अधिक घातक दिख रही है। जिसमे कहीं न कहीं यहूदी धर्म का तत्व है।
उन्होने ये भी कहा कि इश्क-ए-रसूल मुस्लिमों के लिए सबसे बड़ी दौलत है। जिसे कमजोर करना मुश्किल है। ऐसे में गुस्ताख़ ए रसूल को फास्ट ट्रैक अदालत से दंडित करने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि 9 जनवरी 2022 को दारुल कज़ा शरिया की एक शाखा की स्थापना के साथ इस बारे में आंदोलन शुरू होगा।
वहीं रज़ा एकेडमी के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख हज़रत मौलाना अब्बास रिज़वी ने कहा कि बीसवीं सदी के सबसे सम्माननीय पैगंबर की शान में गुस्ताखी को रोकने उर उनके सम्मान को कानून का संरक्षण प्रदान करने के लिए बिहार सरकार द्वारा कानून पारित किया जाए।
इसके अलावा हजरत मौलाना जमाल अनवर रिजवी ने कहा कि जब भी पैगंबर की शान में उंगली उठाई जाए तो लेखक कलम लेकर मैदान में आएं, जिनके पास ज्ञान है वे अपने ज्ञान से असत्य का बचाव करें। अंत में मुफ्ती गुलाम हुसैन सांस्कृतिक संस्थान ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।
