बरेली

मरकज़े अहले सुन्नत को मिली बड़ी कामयाबी: मौलाना दानिश हूंए रिहा

हज़रत सुब्हानी मियाँ साहब और हज़रत अहसन मियाँ साहब की जद्दो-जहद से मौलाना दानिश को मिला जेल से रिहाई का परवाना।

अल्हम्दोलिल्लाह! हूजुर साहिबे सज्जादा हज़रत अल्लामा अल्हाज अश्शाह मोहम्मद सुब्हान रजा खान सुब्हानी मियाँ साहब किबला प्रमुख मरकज़े अहले सुन्नत खानकाहे रज़विया दरगाहे आलाहज़रत बरेली शरीफ और सज्जादा नशीन हज़रत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद अहसन रज़ा कादरी साहब की मुखलिसाना कोशिशों की वजह से उर्से रजवी में शहामतगंज बैरियर पर हुए वबाल में मौके से गंभीर दफआत में गिरफ्तार हुए मौलाना दानिश अज़हरी उस्ताद जामिया तहसीनिया बरेली शरीफ की जमानत आज मोरखा 11 अक्तूबर 2021 बरोज़ पीर बवक्त 12 बजकर 40 मिनट पर हो गयी।
मरकज़े अहले सुन्नत की तरफ से मोहम्मद काशिफ एडवोकेट, जनाब कौसर खान एडवोकेट, जनाब ध्यान चन्द धयानी एडवोकेट, जनाब मो0 आमिर खान एडवोकेट, मो0 साजिद खान एडवोकेट, मो0 तसव्वर एडवोकेट वगैरह तकरीबन एक दर्जन वकीलों की टीम के साथ मंजरे इस्लाम के उस्ताद व मुफ्ती हज़रत अल्लामा मुफ्ती मो0 सलीम बरेलवी साहब भी जज ए.सी.जी.एम. पृथम जनाब विश्णु देव सिंह जी की कोर्ट में बहस के लिए मौजूद थे।
8-10 मिनट की कारगर बहस के बाद जज साहब ने मौलाना दानिश साहब की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।इस से पहले हुजुर साहिबे सज्जादा हज़रत सुब्हानी मियाँ साहब और सज्जादा नशीन हज़रत मुफ्ती अहसन मियाँ साहब और तहरीके तहफ्फुज सुन्नियत के ओहदे दारान की कोशिशों से गम्भीर दफआत में पुलिस ने तरमीम कर दी थी जिसकी वजह से जमानत की मंजूरी में सहूलत मिली। कोर्ट में होने वाले ईखराजात भी मरकज़े अहले सुन्नत के साहबे सज्जादा ने ही बर्दाश्त किये।
वाज़ेह रहे कि यह ज़मानत अर्जी मरकज़े अहले सुन्नत खानकाहे रज़विया दरगाहे आलाहज़रत बरेली शरीफ की तरफ से बतौर पैरोकार टी0टी0एस0 के कारयकारिणी सदस्य जनाब परवेज़ खान नूरी साहब ने अपने नाम से दाखिल की थी। जबकि पैरवी करने वालों में मुफ्ती मुहम्मद सलीम साहिब बरेलवी, हाजी जावेद खान, औरंगज़ेब खान नूरी, शाहिद खान नूरी, ताहिर अल्वी, अजमल नूरी, नासिर कुरैशी, सैयद अनवारूल सादात उर्फ सैयद जुल्फी और मौलाना मो0 शहाबुद्दीन रजवी साहब शामिल रहे।

शाम को हुई रिहाई, सबसे पहले पहुंचे दरगाह

मौलाना दानिश रिहा होकर सबसे पहले दरगाह आला हज़रत पहुँचे। यहाँ मज़ार शरीफ पर हाज़िरी देकर फातिहा पढ़ी। इसके बाद दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) से मुलाकात की। फिर अपने घर पुराना शहर रवाना हुए।


रिपोर्ट: नासिर कुरैशी, मीडिया प्रभारी

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