महोदय
हरियाणा में किसानों के खिलाफ पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करना जलियांवाला बाग को छोड़कर कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। किसानों को बेरहमी से पीटा गया। क्या किसान देश के दुश्मन हैं अगर नहीं तो उनके प्रति पुलिस के रवैए को दुश्मनों की तरह देखकर ऐसा लगा कि वे देश के दुश्मनों से लड़ रहे हैं। इसकी कीमत सरकार को चुकानी पड़ेगी, किसानों की आवाज न दबा सकते हैं न ही किसानों का मनोबल गिराया जा सकता है। यह सरकार की भूल है । ऐसे लाठीचार्ज से किसान अधिक साहस के साथ और व्यवस्थित रूप से काले कानूनों के खिलाफ आगे बढ़ेंगे। सरकार को चाहिए कि वे किसानों की मांगों को तुरंत पूरी करे।
साजिद महमूद शेख , मीरा रोड, ठाणे