अबू शहमा अंसारी
रुदौली /अयोध्या
का वर्षा जब कृषि सुखाने….. जी हां यह बातें किसी फिल्म का डायलॉग नहीं बल्कि एक सच्चाई है श्रावण मास बीत रहा है लेकिन रुदौली क्षेत्र में अभी भी अच्छी वर्षा नहीं हुई
भारी वर्षा न होने से तालाब अभी भी सूखे नजर आ रहे हैं
आषाढ़ मास में हल्की वर्षा तो हुई लेकिन भूमि को पूरी तरह नमी नहीं मिल पाई यह बातें समाजसेवी सीवन निवासी सबका तुल्ला ने बताई।
किसानों ने किसी तरह धान की नर्सरी डाली लेकिन अच्छी वर्षा न होने से मायूस किसानों ने किसी प्रकार से धान की रोपाई खेतों में की लेकिन सच यह है कि किसान धान की सिंचाई नहीं कर पा रहा है
एक बीघा खेत सींचने के लिए लगभग ₹500 का डीजल लगता है लगभग ₹100 मिलने वाला डीजल किसान एक बार खरीदने से पहले सौ बार सोचने पर मजबूर है।
हल्की वर्षा एवं हवा के चलने से कुछ राहत जरूर मिली लेकिन भारी वर्षा न होने से तालाब सूखा नजर आ रहा है समाजसेवी सबका तुल्ला का कहना है की जलस्तर बढ़ने के बजाय दिनों दिन घटता चला जा रहा है।
वृक्षारोपण जो क्षेत्र में हुआ है भारी वर्षा न होने से रोपित किए गए पौधे सूख रहे हैं।
पशु, पक्षी को पीने के लिए पानी आसानी से नहीं मिल पा रहा है।
जिन किसानों ने गन्ना की बुवाई किया है पानी के अभाव में खेतों में गन्ना की फसल सूख रही है।
पंपिंग सेट के सहारे खेतों की सिंचाई करना बहुत महंगा किसानों को पड़ रहा है समाजसेवी सबका तुल्ला ने बताया
अभी तक अयोध्या को सूखाग्रस्त घोषित न करना गम्भीर चिंता का विषय है।
पानी समुचित रुप से न मिलने से फसलों की बढ़वार नहीं हो पा रही है रात दिन किसान आसमान निहार रहा है बादलों की आवाजाही तो होती है किंतु अच्छी वर्षा नहीं हो पा रही है किसानों को सरकारी राहत ,आर्थिक सहायता न मिलने से दिन प्रतिदिन चिंता बढ़ती जा रही हैं।
किसान निहार रहा आसमान नहीं बरस रहा पानी