इलाज मिलने से पहले ही थम गईं सांसें
गोरखपुर | बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों व कर्मचारियों की संवेदनहीनता ने शुक्रवार को एक गर्भवती की जान ले ली। अस्पताल पहुंचने के बाद भी पांच घंटे तक उपचार नहीं मिला। डॉक्टर व कर्मचारी स्वजन को ट्रामा सेंटर, सुपर स्पेशियलिटी, ओपीडी व पर्चा काउंटर तक दौड़ाते रहे। जब तक पर्चा बने, गर्भवती की मौत हो गई। इसके बाद स्वजन ने हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया और शव के साथ घर भेजा।
यह है मामला:
सिद्धार्थ नगर की गर्भवती चंद्रा त्रिपाठी को सांस की दिक्कत थी। उन्हें लेकर उनके पति पति संदीप और भाई बृहस्पति त्रिपाठी मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर पहुंचे।
वहां से रोगी को मेडिसिन वार्ड में भेजा गया। संदीप के अनुसार मेडिसिन वार्ड से डाक्टर व कर्मचारियों ने सुपर स्पेशियलिटी में भेज दिया। वहां दो घंटे के बाद ओपीडी पर्चा बना। रोगी को देखने के बाद हृदयरोग विभाग के डाक्टर ने बताया कि मामला मेडिसिन का है। इसे फौरन मेडिसिन विभाग के 14 नंबर वार्ड में ले जाओ। जब पुन: मेडिसिन वार्ड में पहुंचे तो कर्मचारियों व डाक्टरों ने सीधे भर्ती करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले पर्चा बनवाकर ओपीडी में डाक्टर को दिखा लो। इसके बाद स्वजन ओपीडी का पर्चा बनवाने के लिए लाइन में खड़े हो गए। इसी बीच गर्भवती की मौत हो गई।
गर्भवती की मौत के बाद स्वजनों ने किया हंगामा: इसके बाद स्वजन ने पर्चा काउंटर पर ही हंगामा खड़ा कर दिया। वहां मौजूद अन्य रोगियों के तीमारदार भी उनके समर्थन में पहुंच गए। करीब एक घंटे तक हंगामा होता रहा। पुलिस ने समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। इसी बीच मामले की जानकारी प्रभारी प्राचार्य डा. पवन प्रधान व प्रमुख अधीक्षक राजेश कुमार राय को हुई। उन्होंने शव ले जाने के एंबुलेंस उपलब्ध कराई। साथ ही मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया। स्वजन ने कहा कि अंतिम संस्कार के बाद दोषी डाक्टरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराएंगे।