अबू शहमाअंसारी
बाराबंकी : पेड़ बादलों को अपनी ओर खींचने का काम करते हैं, जहाँ पेड़ होते हैं वहीं बादल रुकते हैं और जहां बादल रुकते हैं वहीं बरसात होती है। यह बातें अमेठी जल बिरादरी के संयोजक प्रख्यात पर्यावरण विद डॉ अर्जुन पांडेय बनीकोडर ब्लाक के ग्राम छंदवल में संचालित चाइल्ड फ्रेंडली स्कूल परिसर में पौधरोपण कर छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए बताई। डॉ पांडेय ने स्कूल में सहजन का पौध रोपित कर पर्यावरण संरक्षण के लिए छात्र छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हरियाली प्रकृति का श्रृंगार है, पौध रोपण से ज्यादा आवश्यता है उनकी रखवाली करना। डॉ पांडेय ने बताया कि पंचवटी के आवश्यक वृक्ष नीम, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़ पर्यावरण की रक्षा में अहम योगदान करते हैं, इनकी संख्या बढ़ानी चाहिए। बच्चों से संवाद करते हुए कहा कि असंतुलित गर्मी, बारिश, सूखा इन सबका कारण धरती पर वृक्षों की अंधाधुंध कटान है, पेड़ो के जंगल की बजाय कंक्रीट की बस्तियां बढ़ रही हैं। जिससे धरती वीरान हो रही है। स्कूल के प्रबंधक व चाइल्ड लाइन के निदेशक रत्नेश कुमार ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए बताया कि पेड़ पौधों की संख्या लगातार घट रही और भूगर्भ जल खतम हो रहा है। यदि पर्यावरण के लिए जनमानस में संवेदना नही जागी तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब व्यक्ति को जीवित रहने के लिए पानी की बोतल और ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर चलना पड़ेगा। राजीव गांधी विद्यापीठ पाकरगांव तिलोई के प्रोफेसर डॉ अभिमन्यु पांडेय ने छात्र छात्राओं को बताया कि पेड़ लगाना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी उसे खाद पानी देकर व उसकी सुरक्षा करके बड़ा करना है। सभी लोग अपनी दिनचर्या में पेड़ों को पानी देना उसकी देखभाल करने का कार्य जोड़ें। इस अवसर पर स्कूल के प्रधानाचार्य विनोद कुमार, शिक्षिका वंदना वर्मा, शारदा रावत, उमेश कुमार, पूनम देवी, सरिता यादव, अनिता, सरोज, सरस्वती, जियालाल सहित सैकड़ों उपस्थित रहे।