गोरखपुर। जिला शांति सद्भावना समिति के सदस्य व वरिष्ठ समाजसेवी आदिल अमीन ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि अल्लाह इरशाद फरमाता है कि “ऐ महबूब अपने रब के लिए नमाज पढ़ो और कुर्बानी करो”। कुर्बानी का सिलसिला ईद-उल-अजहा के दिन को मिलाकर तीन दिनों तक चलता है। मुसलमान अल्लाह की रज़ा के लिए कुर्बानी करते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे जानवरों की ही कुर्बानी करें जिसकी हमें भारतीय कानून से इजाजत है जैसे भैंस, बकरा-बकरी, दुंबा, भेड़ आदि। ऐसे जानवरों की कुर्बानी कतई न करें जिन पर सरकार द्वारा प्रतिबंध है। कुर्बानी के दिनों में साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। अपशिष्ट पदार्थ सड़कों पर न फेंके। कुर्बानी के मौके पर वीडियो व फोटो बिल्कुल न बनाएं। दीन-ए-इस्लाम में साफ-सफाई को आधा ईमान करार दिया गया है लिहाजा इसका खास ख्याल रखें। अमनो शांति के साथ ईद-उल-अजहा त्योहार मनाएं। प्रशासन का सहयोग करें। गाइड लाइन का पालन करें।