महिलाओं की महफ़िल
गोरखपुर। शनिवार को जामिया कादरिया तजवीदुल क़ुरआन लिल बनात अलहदादपुर में महिलाओं की दीनी महफ़िल हुई। जिसमें हज, उमरा, कुर्बानी की फजीलत और मां का किरदार विषय पर बोलते हुए आलिमा महजबीन ख़ान सुल्तानी ने कहा कि मुसलमानों का हर त्योहार अमनो शांति का दर्स देता है। लिहाजा इसका ख्याल रखें कि हमारे किसी काम से किसी को भी जर्रा बराबर भी तकलीफ न होने पाए। कुर्बानी के दिनों में साफ-सफाई का सभी खास ख्याल रखें। कुछ लोग यह ख्याल करते हैं कि अपनी तरफ से ज़िदंगी में सिर्फ एक बार कुर्बानी वाजिब है यह शरअन गलत है और बेबुनियाद है इसलिए कि मालिके निसाब पर हर साल अपनी तरफ से कुर्बानी वाजिब है। कुर्बानी के जानवर की उम्र अहम होती है। ऊंट पांच साल, भैंस दो साल, बकरी व खशी एक साल। इससे कम उम्र होने की सूरत में कुर्बानी जायज नहीं, ज्यादा हो तो अफजल है। अलबत्ता दुम्बा या भेड़ छह माह का जो इतना बड़ा हो की देखने में साल भर का मालूम हेाता हो उसकी कुर्बानी जायज है।
महफ़िल में आलिमा नाजमीन फातिमा, आलिमा नूर इरम, आलिमा तरन्नुम रोजी, आलिमा गौसिया अंजुम, कारिया गजाला सुल्तानी सहित मदरसे की छात्राएं व महिलाओं ने शिरकत की। महफिल 5 जुलाई तक दोपहर 2 से 5 बजे तक यूं ही चलेगी।