गोरखपुर। मंगलवार को संयुक्त निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण एसएन पांडेय व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पाण्डेय ने मदरसों में चल रहे मिनी आईटीआई की जांच की। एसएन पांडेय ने सबसे पहले मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में चल रहे मिनी आईटीआई का गहन निरीक्षण किया। अनुदेशकों को और बेहतर व्यवस्था का निर्देश दिया। इसके बाद मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर व मदरसा मेराजुल उलूम चिलमापुर आदि में चल रहे मिनी आईटीआई का निरीक्षण किया।
इससे पहले सोमवार को संयुक्त निदेशक ने महराजगंज के मदरसों में चल रहे मिनी आईटीआई की जांच की। गोरखपुर मंडल के गोरखपुर सहित देवरिया, महराजगंज व कुशीनगर के जिन मदरसों में मिनी आईटीआई योजना चल रही है उनकी जांच संयुक्त निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण एसएन पांडेय कर रहे हैं।
एक हफ्ते में पेश करनी है जांच रिपोर्ट
मिनी आईटीआई की जांच के लिए एक प्रारूप भी जारी किया गया है। जो नौ बिंदुओं पर आधारित है। मिनी आईटीआई का संचालन करने वालों को पिछले पांच वर्षों की स्थिति भी बतानी है। जांच के बाद अधिकारी को रिपोर्ट भी पेश करनी होगी। रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर देनी है।
प्रदेश में 130 मदरसा मिनी आईटीआई का हो रहा है संचालन
प्रदेश में चल रहे करीब 130 मदरसा मिनी आईटीआई की जांच की जा रही है। जिसमें गोरखपुर मंडल के 17 मदरसा मिनी आईटीआई शामिल हैं। गोरखपुर में सात मिनी आईटीआई का संचालन अलग-अलग मदरसों में होता है। जिनमें तीन मिनी आईटीआई शहर में एवं चार ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। सभी मिनी आईटीआई में तीन-तीन ट्रेड में सर्टिफिकेट कोर्स कराया जाता है।
मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों ने चार साल से मानदेय न मिलने की समस्या उठाई
मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में तैनात आधुनिकीकरण शिक्षक मोहम्मद आजम, नवेद आलम व अन्य ने संयुक्त निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण एसएन पांडेय के समक्ष चार वर्षों से मानदेय न मिलने की समस्या उठाई। इस पर संयुक्त निदेशक ने कहा कि मैं आप लोगों की समस्या से बखूबी वाकिफ हूं। इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को एक पत्र लिखा है। जिसमें योजना के अंतर्गत नियुक्त आधुनिकीकरण शिक्षकों के अप्रैल 2017 से बकाया चल रहे मानदेय को जल्द जारी किए जाने का अनुरोध किया गया है।
प्रमाणपत्र की मान्यता के लिए रखी बात
मदरसों में चल रहे मिनी आईटीआई के अनुदेशकों व प्रधानाचार्यों ने प्रमाणपत्र की मान्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि मदरसा मिनी आईटीआई से प्रशिक्षित छात्र स्वरोजगार में अच्छा काम कर रहे हैं। बहुत से छात्र अरब देशों में भी नौकरियों कर रहे हैं लेकिन अपने प्रदेश में एनसीवीटी से मान्यता न होने के कारण मिनी आईटीआई प्रमाणपत्र की सरकारी नौकरियों में कोई वैल्यू ही नहीं है। संयुक्त निदेशक एसएन पांडेय ने आश्वासन दिया कि वह सरकार से इस हेतु प्रभावी पैरवी कर मदरसा मिनी आईटीआई को एनसीवीटी से मान्यता दिलवाने का प्रयास करेंगे।
अल्पसंख्यक विभाग का भी निरीक्षण किया
मदरसा मिनी आईटीआई के निरीक्षण के साथ ही संयुक्त निदेशक ने पर्यटन भवन के द्वितीय तल के कक्ष संख्या 27 व 28 में संचालित जिला अल्पसंख्यक कार्यालय का निरीक्षण भी किया। कार्यालय में साफ सफाई एवं अभिलेखों के रखरखाव का विधिवत निरीक्षण करते हुए योजनाओं की समीक्षा की।