सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह के मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने अपील करते हुए कहा कि ईद-उल-फित्र का त्योहार मिलजुल कर अमनो शांति के साथ मनाएं। ईद की नमाज़ अदा कर अल्लाह का शुक्र अदा करें। ईद कोई मजहबी त्योहार ही नहीं है बल्कि यह इंसानियत का भी त्योहार है। यह उन एहसासों का त्योहार है, जो इंसानियत के लिए बेहद जरूरी हैं और उनकी बुनियाद हैं। यदि समाज का एक तबका अपनी जायज जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता है तो आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वह उसे खुशहाल ज़िन्दगी बसर करने में मदद करें। यही अल्लाह के नेक बन्दों का काम है। मुल्क में अमनो अमान व भाईचारगी की दुआ मांगें। एक दूसरे की मदद करें।
गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि पुरअमन माहौल में ईद का त्योहार मनाएं। शांति के साथ ईद की नमाज़ अदा कर दुआ मांगें। ईद अमीर-ग़रीब के बीच की खाई को पाटने में पुल का काम करती है। हज़रत निजामुद्दीन औलिया ने कहा है कि अल्लाह के नज़दीक वही इंसान होगा जो टूटे हुए दिलों पर मरहम लगाएगा और उन्हें खुशी देगा। ज़रूरतमन्द लोगों की ईद को खुशगवार बनाने के लिए मुसलमानों को सदका-ए-फित्र देने का हुक्म दिया गया है। ग़रीबों व जरूरतमंदों की मदद करें। मोहब्बत व भाईचारगी को आम करें। अमन शांति की दुआ के साथ जुल्म व ज्यादती से निजात की दुआ भी मांगें।