गोरखपुर मसाइल-ए-दीनीया

सेहत को नुकसान पहुंचने का खतरा हो तो रोज़ा छोड़ सकती है गर्भवती औरत: उलमा-ए-किराम

गोरखपुर। उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्प लाइन नंबरों पर सोमवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा-ए-किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

  1. सवाल : हामिला (गर्भवती) औरत के लिए रोज़े का क्या हुक्म है? (महरुन्निसा, इलाहीबाग)

जवाब : अगर हामिला (गर्भवती) औरत को रोज़ा रखने की वजह से खुद की या बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचने का खतरा हो तो रोज़ा छोड़ने की इजाज़त है। हां बाद में इनकी क़ज़ा करना ज़रूरी है। (मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी)

  1. सवाल: रोज़े की हालत में भाप (स्टीम) लेना कैसा? (राजिक सिद्दीकी, तिवारीपुर)

जवाब : रोज़े की हालत में भाप लेना जायज नहीं। इससे रोजा टूट जाएगा। (मौलाना बदरे आलम निज़ामी)

  1. सवाल : रोज़े की हालत में माउथवॉश से कुल्ली कर सकते हैं? (हेरा, सूफीहाता)

जवाब : नहीं रोज़े की हालत में माउथवॉश से कुल्ली करना मना है। (कारी मोहम्मद अनस रज़वी)

  1. सवाल : अगर कोई शख्स रोज़े की हालत में बेहोश हो गया तो उसका रोज़ा हुआ कि नहीं? (सलमान, बड़गो)

जवाब : अगर बेहोश हुआ और रात ही में होश आ गया तो उस दिन का रोज़ा हो गया और अगर एक से ज्यादा दिन बेहोश रहा तो पहले दिन का रोज़ा हो गया बकिया रोज़ों की कजा करे। (मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी मन्नानी)

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