22 मार्च को बावन चौराहे पर हुए थे हादसे का शिकार
बताते चलें कि 22 मार्च को पत्रकार अरुण तिवारी बाइक से अपने गांव सैतियापुर जा रहें थे। इसी बीच बावन चौराहे के पास सामने से आ रही बस की टक्कर लगने से बुरी तरह ज़ख्मी हो गए थे। आनन-फानन में उन्हें हरदोई मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जहां हालत बिगड़ती देख लखनऊ ट्रामा सेंटर के लिए रिफर कर दिया गया था। तब से वे मौत और ज़िंदगी से जूझ रहे थे। गुरुवार को 17 वें दिन उन्होंने ज़िंदगी से हार मान ली। उनसे उनकी सांसों का साथ हमेशा-हमेशा के लिए छूट गया। लखनऊ, कानपुर और बरेली संस्करण के कई समाचार पत्रों से जुड़े रहे दिवंगत अरुण तिवारी की इस तरह मौत होने की खबर से मीडिया से जुड़े लोग गहरे सदमे में हैं। सैतियापुर के रहने वाले दिवंगत अरुण तिवारी कई सालों से शहर के आज़ाद नगर में अपने परिवार के साथ रहते थे। परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटी और दो बेटे हैं।
बेचैन हो उठा हरदोई प्रेस क्लब
पत्रकार अरुण तिवारी की मौत की खबर से हरदोई प्रेस क्लब बेचैन हो उठा। क्लब के ग्रुप में रात से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। प्रेस क्लब के अध्यक्ष हरिश्याम बाजपेई ने कहा है कि दिवंगत तिवारी जी की कमी हमेशा महसूस की जाती रहेगी। प्रेस क्लब के कार्यालय पर शोक सभा हुई, जिसमें सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिवार वालों को दुख सहन करने की प्रार्थना की गई।