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क्रिकेट जगत के पांच हाफ़िज़-ए-कुर’आन; एक है भारतीय तो दूसरा पढ़ाता है तरावीह

आज हम क्रिकेट जगत की उन हस्तियों के बारे में बात करने जा रहे हैं। जो हाफिजे कुरआन भी हैं।दीने इस्लाम में कुरान ए पाक को बगैर देखे याद करने वाले को हाफिज ए कुरआन कहते हैं। तो आइए दोस्तों जानते हैं।

  • इस कड़ी में सबसे पहला नाम आता है पाकिस्तान क्रिकेट टीम के शानदार ऑफ स्पिनर सईद अजमल का। जो क्रिकेट के मैदान के बाहर तयादा तर दीन के कामों में अपनी जिंदगी बिताते हैं। सईद अजमल क्रिकेटर बनने से पहले कुरान का हिफ्ज़ मुकम्मल कर लिया था।
  • इस कड़ी में सबसे अगला नाम आता है पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के जान क्रिकेटर सरफराज अहमद का। जिन्होंने सिर्फ दस साल की उम्र में कुरआन ए पाक हिफ्ज कर लिया था। वो कराची में एक यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर चुके हैं सरफराज अहमद पाकिस्तान क्रिकेट खिलाड़ियों को रमज़ान में तरावीह भी पढ़ाते हैं।
  • इस लिस्ट में तीसरा नाम आता है पाकिस्तानी टीम के बेहतरीन बल्लेबाज मोहम्मद हफीज का फैसलाबाद में पैदा होने वाले मोहम्मद हफीज को पाकिस्तान क्रिकेट टीम में प्रोफेसर नाम से भी पुकारा जाता है. वह भी कुरान के हाफिज है। वह तो कई बार पाकिस्तानी टीम को नमाज़ पढ़ाते हुए भी नजर आ चुके हैं।
  • इस कड़ी में चौथा नाम पाकिस्तानी सुपर लीग के क्रिकेट खिलाड़ी शाद नईम का है। शाद नईम क्रिकेट खिलाड़ी होने के साथ-साथ हाफिज भी है. वह पाकिस्तान सुपर लीग में इस्लामाबाद की तरफ से खेलते हैं।
  • इस कड़ी में अगला नाम आता है नवाज़ राथर का। भारत मूल के क्रिकेटर जम्मू कश्मीर से तअल्लुक रखते हैं, नवाज राथर जम्मू व कश्मीर की टीम के लिए रणजी मैच भी खेलते हैं। वह जम्मू कश्मीर के लिए विकेटकीपर के रूप टीम में शामिल है। नवाज राथर ने बहुत कम उम्र में ही कुरान ए पाक को हिफ्ज़ कर लिया था।

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