हरदोई।
सर्वोदय आश्रम में चल रहे 9 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में इस बात की ज़ोरदार पैरवी की गई कि सिलाई-कढ़ाई से महिलाओं के हुनर को निखार कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा सकता है। स्वावलंबी महिलाएं ही सशक्त महिलाएं बन कर देश की पहचान बनती है। आश्रम में शुरू हुए 9 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में सिडवी स्वावलंबन सिलाई स्कूलों की 50 शिक्षिकाओं का 9 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया गया। समापन समारोह की मुख्य अतिथि टड़ियावां बीडीओ ऊषा देवी ने कहा कि सिडवी सिलाई मशीन इन्टरनेशनल कंपनी और सर्वोदय आश्रम के प्रशिक्षण से महिलाएं सिलाई का हुनर हासिल कर खुद अपनी पहचान बन सकती है। मुख्य अतिथि ने आगे कहा कि हुनरमंद महिलाएं बालिकाओं व अन्य महिलाओं के हुनर को निखार कर उन्हें भी स्वावलंबी बनाने में मदद करें। जिससे कि उनकी निरन्तर प्रगति हो और सशक्त बन सकें। केंद्रीय हरिजन सेवक संघ दिल्ली की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष उर्मिला श्रीवास्तव ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कराया गया प्रशिक्षण सिडवी स्वावलंबन सिलाई स्कूलों की प्रशिक्षित शिक्षिकाओं के लिए वरदान साबित होगा।महिलाएं केवल स्वावलंबी नहीं बल्कि अपनी आमदनी के साथ गुणात्मक आय का फायदा भी उठायेगी। इस दौरान सर्वोदय आश्रम सिलाई कार्यक्रम के निदेशक विजय प्रकाश मिश्रा ने हरदोई,उन्नाव,सीतापुर, शाहजहाँपुर, बरेली,लखीमपुर खीरी और लखनऊ के 50 नए स्कूलों की जानकारी के साथ प्रगति रिपोर्ट पर रोशनी डाली। विजय श्रीवास्तव व समन्वयक बृजेश सक्सेना ने संचालन किया। सियारानी, क्षमा, मीता भट्टाचार्य, प्रीति कुशवाहा,गुलाब जहां देशराज, राजीव,कमलेश व महेश्वरी वर्मा इत्यादि ने समारोह में अपनी बात रखी। इस बीच मुख्य अतिथि ऊषा देवी ने सिडवी स्वावलंबन सिलाई स्कूलों के लिए मशीन,साइनबोर्ड,रील, सैट,कैची,प्रशिक्षण और तकनीकी पुस्तिका सामग्री वितरित की।