दक्षिण भारत

हुबली में रज़ा एकडमी ने आयोजित किया “तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत बोर्ड” की और से “शांति सम्मेलन”

हुबली: कर्नाटक राज्य में, हिजाब का मुद्दा अभी भी अदालत के उचित निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा है। जिसने शिमोगा समेत पूरे कर्नाटक और पूरे देश में घोर अशांति पैदा कर दी है। गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से सांप्रदायिक ताकतें हिंदू-मुस्लिम एकता को खराब करने की कोशिश कर रही हैं। यह अफ़सोस की बात है कि वर्तमान राज्य और केंद्र सरकार ऐसे लोगों को नियंत्रित करने में बुरी तरह विफल रही हैं। साम्प्रदायिक तत्व सुनियोजित षडयंत्र के तहत लगातार अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं। कभी इस्लाम के पैगंबर (PBUH) का अपमान किया जा रहा है और कभी मुसलमानों को बुर्का और हिजाब की आड़ में परेशान किया जा रहा है। ऐसे में कर्नाटक के हुबली में रज़ा एकडमी ने शांति सम्मेलन का आयोजन किया। इसमे संदेश दिया जाएगा कि आपसी प्रेम शांति और व्यवस्था बनाए रखने में सरकार और प्रशासन की मदद करे और कानून हाथ में लेने से बचें।

रज़ा एकेडमी द्वारा आयोजित इस “शांति सम्मेलन” के माध्यम से कर्नाटक सरकार से मांग की गई कि

1) इस्लाम के पैगंबर (PBUH) का अपमान करने वालों के खिलाफ निजी विधेयक को राज्य विधानसभा में पारित किया जाना चाहिए और इसमे इस्लाम के पैगंबर सहित किसी भी पवित्र धार्मिक व्यक्ति का अपमान करने को गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाना चाहिए।

2) शिमोगा में एक युवक की कथित हत्या की पूरी जांच होनी चाहिए और इस हत्या को सांप्रदायिक दंगे में बदलने वाले शांति विरोधी ताकतों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

3) इस समय शिमोगा सहित पूरे कर्नाटक राज्य में कानून व्यवस्था स्थापित करना और भाईचारे का माहौल बनाना बहुत जरूरी है। इसलिए सरकार को तत्काल अतिरिक्त पुलिस बल और एसआरपी कंपनियों को मुसलमानों को सुरक्षा प्रदान करने और दंगों को नियंत्रित करने के लिए तैनात करना चाहिए।

4) सरकार को तत्काल उन लोगों को उचित मुआवजा देना चाहिए जिनकी संपत्ति शिमोगा में अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों के खिलाफ हुए दंगों में जला और नष्ट कर दी गई है।

5) शिमोगा में मुसलमानों के खिलाफ पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई को रोका जाना चाहिए, निर्दोष लोगों को रिहा किया जाना चाहिए और असली दंगाइयों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।

6) स्कूल यूनिफॉर्म और ड्रेस कोड की आड़ में हिजाब के खिलाफ नफरत फैलाने वाले अभियान को कानूनी रूप से बंद करें। हिजाब का मुद्दा कर्नाटक उच्च न्यायालय में लंबित है और हम आशा करते हैं कि उच्च न्यायालय हिजाब जैसे धार्मिक प्रावधानों पर मुसलमानों के पक्ष में फैसला सुनाएगा और संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

7) इस संबंध में आज रात 9 बजे मस्जिद मिराज, मस्तान सोफा ओल्ड हुबली में शांति स्माइलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लूटे गए व्यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान करने पर चर्चा की जाएगी। यदि सरकार अनुमति देती है, तो वे दंगा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे और वहां के हिंदुओं और मुसलमानों से मिलकर उन्हें आपसी एकता और भाईचारा स्थापित करने के लिए राजी करेंगे और उनकी मदद करेंगे जिनकी संपत्ति लूटी और जलाई गई है।

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *