राजस्थान

तहफ्फुज ए नामुस ए रिसालत बिल का समर्थन करना देश के हर मुसलमान की ज़िम्मेदारी

अजमेर शरीफ / 5 फरवरी: हिंदल-वली, अता-ए-रसूल, ख्वाजा गरीब नवाज के 810वें उर्स के मौके पर तहफ्फुज ए नामुस ए रिसालत बिल के समर्थन के लिए एक रज़ा एकेडमी ने एक सेमिनार आयोजित किया। जिसमे देश भर से आए उलेमा शामिल हुए।

इस मौके पर दरगाह खादिम सैयद वाहिद मियां चिश्ती अंगारा शाह ने कहा कि रजा एकेडमी के संस्थापक अल्हाज  मुहम्मद सईद नूरी साहिब इस सम्मेलन की आत्मा हैं। हमें पूर्ण समर्थन से उम्मीद है कि सईद नूरी के नेतृत्व में देश का हर मुसलमान न केवल इस विधेयक का समर्थन करेगा बल्कि इस विधेयक को पारित करने को अपना मिशन भी बनाएगा।

वहीं सईद नूरी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में और विशेष रूप से हमारे देश में कुछ लोग भाईचारे का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। मुसलमानों को अपने व्यावहारिक जीवन में ख्वाजा गरीब नवाज की शिक्षाओं को अपनाना चाहिए। उन्होने कहा, मुसलमानों को इस्लाम को अपने व्यावहारिक जीवन में लाने, इबादत करने, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने और अपने अच्छे कामों के माध्यम से धर्म का प्रसार करने के लिए कहा गया।

वहीं क़ाज़ी ए राजस्थान फ़ज़ल हक कोतवी ने अपने भाषण में कहा कि ग़रीब नवाज़ का मिशन इस्लाम धर्म का प्रचार करना और तहफ्फुज ए नामुस ए रिसालत करना था। जिससे आज सईद नूरी ने फिर से जिंदा किया। इसके अलावा सज्जादा नशीन शाह मखदूम जामी, मौलाना सैयद मसरूर रज़ी शाहबाज़ी, सज्जादा नशीन मौलाना गुलज़ारुद्दीन चिश्ती, मुफ़्ती मंज़र हसन ऐश रफी, मौलाना फरहान अशरफी, खलीफा शेख-उल-इस्लाम सूफी इस्माइल हसन चिश्ती, मालदा बंगाल के मुफ्ती अब्दुल अजीज और अन्य ने भी सम्मेलन हॉल में ख्वाजा साहब की शिक्षाओं के बारे में बताया।

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