जयपुर। ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के ट्रस्टियों, सदस्यों, क़ाज़ियों और सहयोगियों ने मिलकर ज़िला संत कबीर नगर के ख़लीलाबाद की एक ग़रीब बच्ची की 12 सितम्बर को होने वाली शादी के लिए अभी तक 25 हज़ार 8 सौ 20 रूपये, 48 बर्तनों का सेट, 1 दीवार घडी और एक बेड का इंतिज़ाम कर लिया है।
8 सितम्बर को शाम 5 बजे ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की हेड़ ऑफिस, झोटवाड़ा, जयपुर, राजस्थान से कुछ ख़ास मेहमानों की मौजूदगी में, ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के चेयरमैन, हमदर्दे क़ौम व मिल्लत, सैफे मिल्लत, देशप्रेमी, हज़रत मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी साहब के मुबारक हाथों से ख़लीलाबाद, संत कबीर नगर से जयपुर आने वाले ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के बस्ती मंडल के सदर/ अध्यक्ष/ President समाज सेवी, जनाब मोहम्मद वक़ार साहब को शाम 5 बजे, टोटल रक़म का चेक और सभी सामान, हेड ऑफिस में मौजूद सभी ख़ास मेहमानों की मौजूदगी में दे दिया जाएगा और वह टोटल रक़म का चेक और सभी सामान लेकर 8 सितम्बर की रात को ही ख़लीलाबाद, संत कबीर नगर के लिए रवाना हो जाएंगे और यह अमानत ख़लीलाबाद की ग़रीब बच्ची को दे देंगे।
विशेष नोटः अगर आप भी ख़लीलाबाद की ग़रीब बच्ची की शादी के लिए कुछ मदद करना चाहें तो 5 सितम्बर से पहले कर सकते हैं। यह इसलिए लिखा गया है ताकि आप यह शिकायत न कर सकें कि ग़ौसे आज़म फाउंडेशन ने हमें इस नेक काम में हिस्सा लेने के लिए नहीं कहा। आगे आएं, मदद करें और सवाबे दारैन हासिल करें। ग़ौसे आज़म फाउंडेशन का बैंक अकाउंट यह है।
👇👇👇👇👇👇👇
Account Name: Ghause Azam Foundation
Account Number: 39875372044
IFSC Code: SBIN0031028
Bank Name: State Bank Of India
PhonePay, GooglePay, Paytm: 9314049187
एक शानदार किताब “औरादे महमूद” का होगा लोकार्पन
औरादे महमूद नाम की यह किताब रूहानी आमिलों के लिए एक बहुत ही शानदार किताब है। इसका पहला एडीशन छपने के बाद इसकी एक कॉपी ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की हेड ऑफिस, जयपुर में बाई डाक इसके लेखक, रूहानी आमिल, पीरे तरीक़त, क़ाज़ी-ए-शहर मालेगांव, हज़रत अल्लामा व मौलाना महमूदल हसन रज़वी, क़ादरी, नक्शबंदी, सोहवरवर्दी साहब ने भेजा था।
माशा अल्लाह! औरादे महमूद के औराद व वज़ाइफ़ और दूआओं को देख और पढ़कर दिल बाग़ बाग़ हो गया। उसी वक़्त सोच लिया था कि इस शानदार किताब “औरादे महमूद” को ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के बैनर तले दुबारा छपवाऊंगा। अल्लाह के फ़ज़ल व करम से यह किताब छपने के लिए प्रेस में भेज दिया है। इं शा अल्लाह! यह किताब चार पांच दिनों में प्रेस से छपकर आठ सितंबर को आ गई तो आठ सितंबर को इस किताब का उलमा-ए-किराम के मुबारक हाथों से लोकार्पन भी करवा दूंगा। आठ सितंबर को नहीं आई तो फिर किसी और मौक़े पर इसका लोकार्पन करवाऊंगा।
विशेष नोट: यह किताब हर ख़ास व आम के लिए लाभदायक है। इसके फायदे वही बता सकते है जिसने इसको पढ़ा हो। बे शुमार लोग इस किताब के वजीफे़ पढ़कर अपनी परेशानियों से निजात पा चुके है। आप भी किसी को इस शानदार किताब “औरादे महमूद” का फायदा बताने की दिली ख्वाहिश रखते हैं तो इस किताब को पहली फुरसत में अपने पास बाई डाक मंगवा लें। हदिया बहुत ही कम रखा गया है। डाक खर्च अलग से देना पड़ेगा। तो देर किस बात की? बुकिंग करवा लें। कम से कम दस किताब बुकिंग ज़रूर करें ताकि आप किसी इस्लामी भाई और बहन को भी दे सकें। यह पूरी किताब 4 कलर में और मोटे चिकने आर्ट पेपर पर छप रही है। किताब देखते ही आप की तबियत खुश हो जाएगी। आज ही बुकिंग करवा लें। क़ीमत सिर्फ 151 रूपए, डाक खर्च अलग से 50 रुपए।