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हज और उमरा करने वाले ही बन सकेंगे खादिमुल हुज्जाज (हज सेवक)

हज और उमरा करने वाले सरकारी कर्मचारी व अधिकारी ही खादिमुल हुज्जाज (हज सेवक) बन पाएंगे। हज सेवक के चयन के लिए जारी शर्तों में इसका उल्लेख किया गया है। जारी शर्तों में यह भी कहा गया है कि हज सेवक के लिए आवेदन देने वाले कर्मियों की उम्र 58 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने और अरबी भाषा व इंटरनेट का ज्ञान होना जरूरी है। जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि जो कर्मी इस पात्रता को पूरा नहीं करते हैं, उनका चयन हज सेवक के रूप में नहीं किया जाएगा।

18 तक जमा लिए जाएंगे आवेदन

हज सेवक के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हज सेवक के लिए आवेदन जमा करने के लिए 18 फरवरी अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। सरकारी कर्मचारी और अधिकारी निर्धारित तिथि से पहले हर हाल में हज कमेटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन जमा कर दें। 22 फरवरी तक इसकी हार्ड कॉपी हज कमेटी के कार्यालय में जमा करें। निर्धारित तिथि के बाद आवेदन जमा नहीं लिया जाएगा। गौरतलब हो कि दो फरवरी से ऑनलाइन आवेदन जमा करने की शुरुआत की गई है।

200 में एक हज सेवक का होगा चयन

केंद्र की ओर से जारी नियमावली के अनुसार हर दो सौ जायरीनों की देखभाल के लिए एक हज सेवक का चयन करने का प्राविधान किया गया है। यानी 16 सौ जायरीनों की देखभाल का जिम्मा आठ हज सेवकों पर होगा।

सरकार वहन करती है खर्च

खादिमुल हुज्जाज के आने-जाने और खाने-पीने का सारा खर्च सरकार वहन करती है। इसमें आधी राशि केंद्र और शेष राज्य सरकार को देनी पड़ती है।

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