कानपुर 26/ जनवरी गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर 37 वर्षीय रिवायत के मुताबिक़ इस साल भी मदरसा जामिया अशरफुल मदारिस गद्दियाना के मैदान पर झंडारोहण का कार्यकर्म हुआ जिस में इलाक़े के 90 साल के बुज़ुर्ग हाजी सुलेमान अशरफ़ी ने झंडा फहराया झंडा लहराते ही पूरा मैदान तालियों से गूँज उठा | प्रोग्राम की शुरआत हाफिज मो अरशद अशरफ़ी ने कुरान पाक की तिलावत से किया मदरसे के छात्रों ने वतन के शहीदों को श्रधान्जली अर्पित की तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआएं की | गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर हज़रत मौलाना मो.हाशिम अशरफी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने कहा कि हिंदुस्तान 15 अगस्त 1947 में आज़ाद ज़रूर हुआ था मगर हम कानूनी तौर पर अंग्रेजों के गुलाम बने हुए थे तो अब ज़रूरी था कि ऐसा कानून बनाया जाए जो हम को पूरे तौर से अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद करा दे इस लिए हिंदुस्तान के बुद्धिमान पुरुषों ने अपना कानून बनाया जिस से हिन्दुस्तान को पूरी आज़ादी हासिल हुई श्री अशरफी ने और कहा कि हमारा मिशन सिर्फ एक है कि हिन्दुस्तान में अमनो शान्ति के साथ मुल्क को ज़ालिम ताक़तों और दहशत गर्दों से छुटकारा मिले ताकि हिंदुस्तान का सम्मान सदा बाकी रहे और मुल्क से दहशतगर्दी का नाश हो और मुल्क में अमन शांति हो | जो भी दहशतगर्द इस मुल्क के माहोल को ख़राब करने की कोशिश करेगा उसे हम कामयाब नही होने देंगे आखिर में उन्होंने चीन की निंदा करते हुए कहा कि चीन हमारी ज़मीन पर घुसने की नापाक मंसूबों से तौबा करे वरना बुरे अंजाम के लिए तैयार रहे | आखिर में मुल्क की शान्ति,तरक्की,कोरोना से निजात के लिए दुआएं की गयीं मेहमाने मुस्लिम भाई का हार फुल से इस्तकबाल किया गया | इस अवसर पर मौलाना फ़तेह मोहम्मद कादरी,मौलाना मोहम्मद कासिम अशरफी,मौलाना महमूद हस्सान अख्तर,कारी आज़ाद अशरफी,हाफिज नियाज़ अहमद अशरफी,कारी मोहम्मद अहमद अशरफी,हाफिज़ मोहम्मद मुश्ताक,हाफिज नदीम अहमद,शमशाद गाज़ी,मोहम्मद शमशाद आदि मौजूद रहे


