जीलानी जमाअ़त व जुम्ला मुसलमानाने अहले सुन्नत शहदाद का पार,ज़िला बाड़मेर की तरफ से 09 दिसम्बर 2021 ईस्वी बरोज़:जुमेरात दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ की 2 तअ़लीमी शाख: मदरसा अहले सुन्नत फैज़ाने फज़ल अ़ली शाह व मदरसा अहले सुन्नत ग़रीब नवाज़ शहदाद का पार के अराकीन व ज़िम्मेदारान के ज़ेरे एहतिमाम व निगरानी एक मुश्तरका व इज्तिमाई अ़ज़ीमुश्शान जल्सा-ए-ग़ौषुल वरा मनाया गया।
जल्से की शुरुआ़त तिलावते कलामे पाक से की गई।
फिर दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा और दारुल उ़लूम की इस गाँव में चल रही दोनों तअ़लीमी शाखों के कुछ होनहार तल्बा ने अपना दीनी व मज़हबी,इल्मी व अदबी,और इस्लाही प्रोग्राम नअ़्त,मन्क़बत,तक़रीर,मुकालमा व तक़़रीर की सूरत में पेश किया-
दोनों शाखों के 1,1 इन्तिहाई कम उ़म्र बच्चों ने सभी उ़ल्मा-ए-किराम व क़िब्ला नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा पीर सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी की मौजूदगी में तक़रीर करने का शर्फ हासिल किया,जिन की तक़़रीर को क़िब्ला पीर साहब,उ़ल्मा-ए-किराम व अ़वामे अहले सुन्नत ने पसंद किया और दाद व दहिश के साथ दुआ़ओं से भी नवाज़ा…
इस जल्से में खुसूसी तक़रीर पीरे तरीक़त नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मद्द ज़िल्लहुल आली की हुई।
आप ने अपनी तक़रीर में लोगों को अपना मुहासबा करते हुए इपने गुनाहों से सच्ची तोबा करने की ताकीद व तल्क़ीन की,और साथ ही साथ लोगों को दीनी तअ़लीम की अहमियत व फज़ीलत बताते हुए फरमाया कि आप लोग अपने बच्चों को कम अज़ कम इतनी दीनी तअ़लीम तो ज़रूर दिलाओ कि वोह शरीअ़त के मुताबिक़ अपनी ज़िंदगी गुज़ार सकें,अरकाने इस्लाम की अदाइगी कर सकें,बिल खुसूस सहीह तौर पर नमाज़ पढ़ सकें,हलाल व हराम की तमीज़ कर सकें,…बुनियादी व ज़रुरी दीनी तअ़लीम के बाद आप अपने बच्चों को आला अ़सरी तअ़लीम भी दिलाएं।
आप के एलावा दर्ज ज़ैल उ़ल्मा-ए-किराम ने क़ौम व मिल्लत को खिताब किया।
★हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी…★हज़रत मौलाना मुहम्मद यूसुफ साहब क़ादरी देरासर…★मौलाना रियाज़ुद्दीन सिकन्दरी अनवारी…★मौलाना मुहम्मद क़ाएमुद्दीन क़ादरी अनवारी… जब कि खुसूसी नअ़्त ख्वाँ की हैषियत से वासिफे शाहे हुदा हज़रत हाफिज़ व क़ारी अ़ताउर्रहमान साहब क़ादरी अनवारी जोधपुर ने शिरकत कर के नअ़तहा-ए-रसूल व मनाक़िब के नज़राने पेश किए।
निज़ामत के फ्राइज़ तलीक़ुल्लिसान हज़रत मौलाना अ़ली मुहम्मद साहब क़ादरी अशफाक़ी जोधपुर ने निभाई…जब की जल्से की निगरानी हज़रत हाफिज़ मुहम्मद नज़ीर अनवारी मुदर्रिस:मदरसा अहले सुन्नत ग़रीब नवाज़ शहदाद का पार व फक़ीर अ़ब्दुस्सुब्हान क़ादरी अनवारी ने की-
इस जल्से में खुसूसियत के साथ यह हज़रात शरीक हुए।
★अदीबे शहीर हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम अहमद साहब नूरी मिस्बाही,नाज़िमे तअ़लीमात: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ,…★हज़रत मौलाना अ़ताउर्रहमान साहब क़ादरी अनवारी[खलीफा:जीलानी जमाअ़त] बीजल का पार…★हज़रत मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी अनवारी…★मौलाना मुहम्मद दाएम अनवारी…★मौलाना मुहम्मद शुमार क़ादरी अनवारी जानपालिया,…★क़ारी अरबाब अ़ली क़ादरी…★मौलाना ग़ुलाम मुहम्मद सिकन्दरी अनवारी मोहनगढ़ वग़ैरह…
यह जल्सा सलातो सलाम और क़िब्ला पीर साहब की दुआ़ पर इख्तिताम पज़ीर हुवा।
रिपोर्ट: (मौलाना)अ़ब्दुस्सुब्हान क़ादरी अनवारी
मुदर्रिस:मदरसा फैज़ाने फज़ल अ़ली शाह, शहदाद का पार,तह:गडरा रोड,ज़िला: बाड़मेर(राज)