गोरखपुर

इस्लाम के पैग़ाम पर अमल करते हुए कामयाब इंसान बनेें: मुफ़्ती शमशाद

गोरखपुर। बुधवार देर रात हुसैनाबाद चक्शा हुसैन गोरखनाथ में पैग़ामे हक़ कांफ्रेंस हुई। संचालन सिद्धार्थनगर के मौलाना मो. हारून अलीमी ने किया।

मुख्य अतिथि घोसी (मऊ) के मुफ़्ती शमशाद अहमद मिस्बाही ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम में हराम माल से मना किया गया है, लिहाजा इससे सख़्ती के साथ बचा जाए। दीन-ए-इस्लाम ने अमानतदारी, वादा पूरा करना, झूठ से बचना, दूसरों के हुक़ूक का ख्याल, मां-बाप की ख़िदमत, उस्ताद की फरमाबरदारी का पैग़ाम दिया है। दीन-ए-इस्लाम के पैग़ाम पर अमल करते हुए कामयाब इंसान बनेें। यकीन जानिए कामयाबी आपके क़दम चमूेगी। नमाज़, रोजा, हज, ज़कात वक्तों पर अदा करें। आला हज़रत इमाम अहमद रजा खां अलैहिर्रहमां का मसलक हक जमात की निशानी है इससे वाबस्ता रहें।

अध्यक्षता करते हुए संतकबीरनगर के शहर काजी मुफ़्ती मो. अख़्तर हुसैन अलीमी क़ादरी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम के पौधे को भारत में औलिया किराम ने अपने अच्छे किरदार और समाज में मोहब्बत का पैग़ाम देकर हरा-भरा किया है। औलिया किराम किसी दुनियावी जमात का नाम नहीं, बल्कि औलिया वह लोग हैं, जो दुनिया की मोहमाया से अलग रहकर हर काम को अल्लाह व रसूल-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के लिए करते हैं। लोगों को इनकी ज़िदंगी से सबक लेना चाहिए। दीन-ए-इस्लाम में तालीम हासिल करना और दूसरों तक पहुंचाना जरूरी है।

नात-ए-पाक छ्त्तीसगढ़ के सैयद अब्दुल कादिर सिब्तैनी, संतकबीरनगर के नूर अहमद नूर व कासिद रज़ा इस्माइली ने पेश की। अंत में सलातो-सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। कांफ्रेंस में मौलाना मोहम्मद सैफ़ अली फैज़ी, कमरुद्दीन, मो. सलीम रज़वी, नौशाद अहमद रज़वी, मौलाना कलीम रज़वी, आमिर रज़ा रज़वी, मो. मुबस्सिर रज़वी, आसिफ अहमद क़ादरी, हाफ़िज़ आरिफ, मुनाजिर हसन, नूर मोहम्मद दानिश, मो. नाज़िम, शहजाद, तालिब आदि मौजूद रहे।

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