निज़ामपुर में जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी जलसा
गोरखपुर। निज़ामपुर में रविवार देर रात जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी जलसा हुआ। संचालन हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने किया।
मुख्य वक्ता नायब काजी मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम अल्लाह के द्वारा दिया गया संदेश है जो क़ुरआन-ए-पाक के रूप में आख़िरी पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के ऊपर नाज़िल (अवतरित) हुआ। पैग़ंबर-ए-आज़म ने अल्लाह के हुक्म के अनुसार अमल करते हुए अपनी पूरी ज़िदंगी गुजारी। अल्लाह का आदेश और पैग़ंबर-ए-आज़म की अमली ज़िदंगी मिलकर ही दीन-ए-इस्लाम को मुकम्मल करती है। इस्लाम अल्लाह का भेजा हुआ सच्चा दीन है, जिसके अंतर्गत इंसान अपनी ज़िदंगी के तमाम पहलुओं सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, नैतिक आदि में कामयाबी हासिल कर सकता है। दीन-ए-इस्लाम में इंसान की पैदाइश से लेकर मौत तक की व्यवस्था आदि का पूर्णरूपेण मार्गदर्शन दिया गया है।
अंत में सलातो-सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। जलसे में कारी जमील, शब्बीर अली, साबिर अली, दीवान, सलीम, क़ुर्बान, इमाम हसन, अफरोज आलम, महफूज, शहनवाज़ अली, इकबाल आदि मे शिरकत की।