जयपुर/ गोरखपुर । नामूसे रिसालत के पहरेदार, आशिक़े रसूल, आला हज़रत, इमाम अहमद रज़ा ख़ां बरेलवी रहमतुल्लाह का उर्स बड़ी ही शान व शौकत और हर्ष व उल्लास के साथ बरेली शरीफ़ में मनाया गया। चैरिटेबल ट्रस्ट, ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की शाखाओं ने भी आला हज़रत बरेलवी का उर्स मनाया और लंगर बांटा।
ग़ौसे आज़म फाउंडेशन ने अपने जयपुर के प्रधान कार्यालय में एक बजकर 38 मिनट पर आला हज़रत, इमाम अहमद रज़ा ख़ां बरेलवी रहमतुल्लाह के नाम पर फातिहा ख़्वानी का आयोजन किया। इस अवसर पर ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने कहा कि आला हज़रत ने अपना पुरा जीवन नामूसे इस्लाम/ नामूसे रिसालत/ नामूसे अम्बिया/ नामूसे सहाबा/ नामूसे औलिया/ नामूसे मसाजिद/ नामूसे मदारिस आदि पर पहरा दिया और बदअक़ीदों का जमकर रद्द किया। हज़रत मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने कहा कि ग़ौसे आज़म फाउंडेशन आला हज़रत की शिक्षाओं और सूफी विचारधारा को फैलाने के लिए मेहनत करता रहता है।
ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की ओर से गोरखपुर शहर के रहमतनगर स्थित, बहादुरिया जामा मस्जिद में भी आला हज़रत का उर्स मनाया गया। इस अवसर पर क़ुरआन ख़्वानी/ फातिहा ख़्वानी का आयोजन किया गया और महफिल भी सजाई गई। बहादुरिया जामा मस्जिद के इमाम हज़रत मौलाना अली अहमद बस्तवी ने कहा कि अल्लाह के रसूल से सच्ची मोहब्बत आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ां बरेलवी रहमतुल्लाह का सबसे अज़ीम सरमाया था। आपकी एक मशहूर किताब जिसका नाम [[अद्दौलतुल मक्किया]] है, जिसको आपने मात्र आठ घंटें में बिना किसी ग्रंथ की मदद से मक्का शरीफ़ में लिखा। आज पूरी दुनिया में आला हज़रत का चर्चा है और कई लोग उन पर पीएचड़ी कर रहे हैं।
ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष समीर अली ने कहा कि सबसे ज़्यादा जो सलाम हमारे नबी पर पढ़ा जाता है, वह आला हज़रत का लिखा सलाम, [[मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम]] पढ़ा जाता है। अपने इमान व अक़ीदे की हिफ़ाज़त के लिए आला हज़रत की शिक्षाओं से आज की नस्ल को वाबस्ता होना बेहद ज़रूरी है।
अंत में सलात व सलाम पढ़कर दुआएं मांगी गई। उसके बाद ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की ओर से शहर के विभिन्न स्थानों पर लंगर बांटा गया। कार्यक्रम में ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के गोरखपुर शहर के महासचिव हाफिज मोहम्मद अमन, रहमत नगर अध्यक्ष मोहम्मद फ़ैज़, मोहम्मद ज़ैद, मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद ज़ैद (चिंटू), रियाज़ अहमद, वारिस अली, मोहम्मद समीर, अमान अहमद, सय्यद ज़ैद नूर, मोहम्मद दानिश आदि शामिल रहे।